एम्पलाइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन( ईएसआईसी) की बदहाल हालत का मामला अब केंद्र मंत्री के दरबार पहुंच गया है। इसको लेकर मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन (एमआईए) के पूर्व अध्यक्ष एवं जिला भाजपा अध्यक्ष संजीव वशिष्ट द्वारा लेबर एंड एंप्लॉयमेंट मिनिस्टर भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें मोहाली तथा पूरे पंजाब में बदहाल ईएसआईसी सुविधाओं से निजात दिलाने की गुहार लगाई गई।
मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन के लेबर एंड लॉ कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट जसवीर सिंह द्वारा तैयार किए गए इस ज्ञापन में ईएसआई से संबंधित सभी परेशानियों का जिक्र किया गया। साथ ही दिल्ली की तर्ज पर जिस प्रकार थे केंद्र सरकार द्वारा ईएसआईसी को खुद मॉनिटर किया जाता है उसी प्रकार से पंजाब में भी ईएसआईसी का सारा काम केंद्र सरकार को अपने हाथ में लेने की मांग की गई। क्योंकि अब तक पंजाब में ईएसआईसी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा फंड पंजाब सरकार को मुहैया करवाया जाता है उसके बाद पंजाब सरकार आगे इस पर कार्रवाई करती है।
लेकिन पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली में ईएसआईसी के वर्करों को इलाज के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं।हर महीने सैलरी से 4 फ़ीसदी पीएसआई कटवाने के बाद भी इलाज के लिए खाने पड़ते हैं धक्के एमआईए के पूर्व अध्यक्ष संजीव वशिष्ट द्वारा यूनियन मिनिस्टर को जो ज्ञापन सौंपा गया उसमें कहा गया कि ईएसआईसी के वर्करों द्वारा प्रति महीने अपने सैलरी से 4 फ़ीसदी ईएसआईसी के लिए कटवाए जाते हैं ताकि उन्हें जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधाएं मिल सकें।
लेकिन आलम यह है कि मोहाली जिले के ही करीब 4 लाख कर्मचारियों को इलाज के लिए यहां से वहां भटकना पड़ता है या फिर अपने जेब से पैसे खर्च करके जरूरत पड़ने पर इलाज करवाना पड़ता है।कैशलैस ट्रीटमेंट नहीं मिलता, सरकारी अस्पतालों में किया जाता है रेफर यूनियन मिनिस्टर को दिए गए ज्ञापन में यह भी बताया गया कि जब कर्मचारियों को इलाज की जरूरत पड़ती है और वह ईएसआईसी अस्पताल जाते हैं तो वहां पर उन्हें कैशलैस ट्रीटमेंट मुहैया करवाने की बजाय डॉक्टर द्वारा उन्हें सरकारी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।
जहां पर उन्हें खुद अपनी जेब से पैसे खर्च इलाज करवाना पड़ता है और बाद में उन बिलों को बात करवाने के लिए सालों साल इंतजार करना पड़ता है।ईएसआई अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, जरूरी इन्फ्राट्रक्चर भी नहीं यूनियन मिनिस्टर को बताया गया मोहाली के ईएसआईसी अस्पताल में जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है वही पैरामेडिकल स्टाफ भी कम है।
इसके अलावा अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन है और ना ही मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस का कोई इंतजाम है। हालांकि एक प्राइवेट कंपनी द्वारा अस्पताल को एंबुलेंस डोनेट की गई थी लेकिन उसे चलाने के लिए भी अस्पताल के पास कोई ड्राइवर तक नहीं है।