उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर ने आज शिक्षक भवन में सात दिवसीय जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का उद्घाटन किया।यह कार्यक्रम नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा आयोजित किया जा रहा है और देश भर में विविध संस्कृतियों, शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के संपर्क में आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है।
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, सलाहकार भटनागर ने कहा कि आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम हमारे आदिवासी छात्रों को नए क्षितिज तलाशने, उनके ज्ञान और कौशल का विस्तार करने और उनकी पूरी क्षमता का एहसास करने में मदद करने की दिशा में एक कदम है।
यह कार्यक्रम आदिवासी युवाओं के जीवन में नए दरवाजे खोलेगा क्योंकि यह उन्हें इस जगह की विविध संस्कृति से परिचित कराएगा और उन्हें यहां के जीवन के विभिन्न पहलुओं और इससे जुड़े रीति-रिवाजों को जानने में मदद करेगा।इसके अतिरिक्त सलाहकार ने कहा कि हमारा देश, भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और हमारे आदिवासी समुदाय भी हमारे राष्ट्र के विकास के लिए अभिन्न हैं।
उन्होंने कहा कि इन युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों की मदद से, आदिवासी युवाओं को हमारे देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में हो रही विकास प्रक्रिया और वैज्ञानिक के साथ-साथ तकनीकी प्रगति की सर्वोत्तम प्रथाओं से अवगत कराया जा रहा है। ये कार्यक्रम हमारे युवाओं को तकनीकी और औद्योगिक प्रगति से रूबरू कराएंगे।
कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर बात करते हुए, सलाहकार भटनागर ने कहा कि यह आदान-प्रदान कार्यक्रम आदिवासी युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि उनकी जीवन की समझ, वैध कैरियर आकांक्षाओं और रोजगार योग्य कौशल रखने के लिए अन्य प्रशिक्षण आवश्यकताओं को बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने आयोजकों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे समूह चर्चा, अतिथि व्याख्यान, क्षेत्र के दौरे, चित्रकला प्रतियोगिताओं और अन्य संबंधित गतिविधियों को कार्यक्रम में शामिल करने की सलाह दी ताकि प्रतिभागियों को हमारे देश की विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और अन्य विविधताओं के बारे में बताया और संवेदनशील बनाया जा सके।
इस अवसर पर सलाहकार ने प्रतिभागियों से इस कार्यक्रम का उचित लाभ लेने के लिए कहा क्योंकि यह उन्हें विकास की मुख्यधारा की प्रक्रिया का हिस्सा बनाने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न संस्कृतियों और जीवन शैली के बारे में जानने और उनके लिए उपलब्ध शिक्षा और कैरियर के अवसरों में मूल्यवान सुझाव प्राप्त करने में मदद करेगा।
उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर सरकार उनके प्रवास के दौरान उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। सलाहकार ने कहा, ‘‘हम आपको यहां एक सहायक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो आपको अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।‘‘
निदेशक एनवाईकेएस जम्मू-कष्मीर और लद्दाख, निसार अहमद भट्ट ने अपने स्वागत भाषण में विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से प्रायोजित और एनवाईकेएस द्वारा कार्यान्वित भारत सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में युवाओं को जानकारी दी।अध्यक्ष गांधी वैश्विक परिवार जम्मू और कश्मीर पद्मश्री डॉ. एस.पी. वर्मा और अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर पूर्व सेवा लीग लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने भी उद्घाटन सत्र के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित किया और प्रतिभागियों को उनके जीवन पर इस कार्यक्रम के मुख्य लाभों के बारे में बताया।
इस अवसर पर सलाहकार भटनागर ने जम्मू क्षेत्र के युवा मंडलों के बीच खेल किट भी वितरित किए।उद्घाटन समारोह के दौरान छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के प्रतिभागियों ने अपने-अपने राज्यों की अनूठी जनजातीय संस्कृति और रीति-रिवाजों पर प्रकाश डालते हुए रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
उल्लेखनीय है कि चार आदिवासी राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 220 युवा इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। ये प्रतिभागी इस सात दिवसीय जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के दौरान देश की एकता और अखंडता पर केंद्रित शैक्षिक पर्यटन, जागरूकता सत्र, वाद-विवाद, सेमिनार, समूह चर्चा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसी कई गतिविधियों में शामिल होंगे।