उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज राजभवन में कश्मीर विश्वविद्यालय की 82वीं परिषद बैठक की अध्यक्षता की।उपराज्यपाल, जो कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति हैं, ने देश भर में शिक्षा क्षेत्र को बदलने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा “एनईपी 2020 भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है।
इसे अक्षरशः लागू किया जाना चाहिए और यह आवश्यक है कि इस परिवर्तन के माध्यम से, हमारे उच्च शिक्षा संस्थान समृद्ध समाज बनाने में योगदान दें।”उपराज्यपाल ने विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों को समयबद्ध पूरा करने और छात्रों को डिग्री प्रदान करने पर जोर दिया।
उपराज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा स्थानीय समस्याओं और मुद्दों पर अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ाने का आह्वान किया। संवर्धित अनुसंधान गतिविधियाँ स्थानीय समस्याओं का समाधान प्रदान करेंगी और इससे व्यापक ज्ञान संपदा का सृजन होगा जो सर्वांगीण विकास का प्रमुख कारक होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई उद्योग आ रहे हैं और कौशल विकास और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय को नवाचार और स्टार्ट-अप के पोषण के लिए एक मजबूत ईको-सिस्टम का निर्माण करना चाहिए और सरकार सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।‘‘विश्वविद्यालय परिषद ने छात्रों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने हेतु विश्वविद्यालय के मुख्य और उपग्रह परिसरों में कई नए पाठ्यक्रम शुरू करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इन नए पाठ्यक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीजी, साउथ कैंपस, अनंतनाग में अर्थशास्त्र में स्नातक पाठ्यक्रम, बीबीए-एलएलबी और मेडिकल लैब प्रौद्योगिकी कार्यक्रम, उत्तरी परिसर, बारामूला में एकीकृत बीएससी-एमएससी वनस्पति विज्ञान और कुपवाड़ा परिसर में अरबी में एकीकृत यूजी-पीजी कार्यक्रम षामिल हैं।
परिषद ने यूजीसी, एआईसीटीई, एमसीआई आदि जैसे प्रासंगिक वैधानिक/नियामक निकायों के दिशानिर्देशों और नियमों के अनुसार सख्ती से सभी पाठ्यक्रमों को चलाने का संकल्प लिया।विश्वविद्यालय परिषद ने जम्मू कश्मीर के उच्च शिक्षा क्षेत्र में और गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से कई शैक्षणिक, प्रशासनिक और अनुसंधान संबंधी मामलों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
इससे पहले, कश्मीर विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर निलोफर खान ने शिक्षा, अनुसंधान, विस्तार शिक्षा और पाठ्येतर गतिविधियों के क्षेत्रों में विश्वविद्यालय के विकास और प्रगति पर एक विस्तृत पावर-पॉइंट प्रस्तुति दी।एनएएसी, एनआईआरएफ और क्यूएस में विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय रैंकिंग पर प्रकाश डालते हुए, प्रोफेसर निलोफर ने परिषद को सूचित किया कि कश्मीर विश्वविद्यालय मई 2023 में देश के जी20 प्रेसीडेंसी के हिस्से के रूप में वाई20 कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जबकि सभी विभाग जनता के बीच देश के जी20 के संदेश को फैलाने हेतु वर्तमान में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नवाचारों और इन्क्यूबेशन, बहु-विषयक अनुसंधान प्रोत्साहन, संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रमों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में की गई उपलब्धियों और विभिन्न स्थानीय और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय द्वारा हस्ताक्षरित महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों के बारे में बताया गया।
बैठक में, उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मनदीप कुमार भंडारी, प्रधान सचिव उच्च शिक्षा विभाग आलोक कुमार, परिषद के अन्य सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यक्तिगत और वर्चुअल मोड से भाग लिया।