मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की ऐतिहासिक बदलाव के एक साल बाद तक की उपलब्धियों को उजागर करते हुये वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ कहा कि इस समय के दौरान राज्यय भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में क्रांति, राज्यस्व विस्तार और समाज विरोधी तत्वों विरुद्ध जंग का गवाह बना है।
उन्होंने कहा कि उनके विभागों आबकारी और कराधान ने भी वित्तीय साल 2021-22 के मुकाबले आबकारी में 45 प्रतिशत और जीएसटी में 23 प्रतिशत विस्तार दर्ज करके राज्य के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान डाला है।
यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने पहले साल के दौरान ही नौजवानों को 26797 नयी नौकरियाँ, 500 मोहल्ला क्लीनिक, 300 यूनिट प्रति महीना मुफ़्त बिजली और शहीदों के परिवारों को 1 करोड़ रुपए की एक्स-ग्रेशिया ग्रांट जैसी बड़ी गारंटियां लागू की हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में 117 स्कूल आफ एमिनेंस शुरू किये जा चुके हैं और स्कूलों अध्यापकों के दो बैच पहले ही सिंगापुर भेजे जा चुके हैं जिससे उनके पेशेवर अध्यापन हुनर को निखारा जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 14000 मुलाजिमों की सेवाओं को रेगुलर करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
एडवोकेट चीमा ने कहा कि उनकी सरकार ने गन्ना काश्तकारों के सभी बकाए अदा करने के साथ-साथ गेहूँ और धान की खरीद के दौरान किसानों को सीधे तौर पर उनके खातों में समय पर अदायगियों को यकीनी बनाया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि किसी सरकार की तरफ से राज्य की पवन, पानी और धरती को बचाने के लिए किसानों को धान की सीधी बुवाई और मूँगी की काश्त के लिए उत्साहित करने के लिए गंभीर यत्न किये गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन यत्नों स्वरूप पराली जलाने में 30 प्रतिशत कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने न सिर्फ़ भूजल को बचाने के लिए प्रयास किये हैं बल्कि यह पहली बार है कि पंजाब के किसी मुख्यमंत्री ने सतलुज- यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर सख़्त स्टैंड लिया है जबकि पिछले मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर या तो जुबानी सेवा करते रहे हैं या राजनीति।
भ्रष्टाचार, माफिया और गुंडाराज पर नकेल डालने के लिए उठाये गए कदमों का खुलासा करते हुये एडवोकेट चीमा ने बताया कि समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध जंग के दौरान एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की तरफ से 567 गिरफ़्तारियाँ की गई हैं और 380 भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अंतर्गत गिरफ़्तार किये गए हैं।
उन्होंने कहा कि आबकारी और कराधान विभाग ने भी शराब माफिया और टैक्स चोरी को नष्ट करने के लिए कई प्रयास किये हैं। उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग की तरफ से बीते 11 महीनों के दौरान 6317 एफआईआर दर्ज की गई हैं, 6114 गिरफ़्तारियाँ की गई हैं।
1,48,693 लीटर नाजायज शराब पकड़ी गई है, 5,06,607 लीटर लाहन को बरामद करके नष्ट किया गया है, 1,74,468 लीटर देसी और विदेशी शराब, बीयर और सपिर्ट ज़ब्त की गई है और 308 शराब की भट्टियों को नष्ट किया गया है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने परचून स्तर तक लायसेंस धारकों की शराब और स्टाक वस्तुओं की यातायात की निगरानी करने के लिए ट्रैक और ट्रेस जैसे प्रोग्राम लागू किये हैं और ‘एकसाईज़ क्यू. आर. कोड लेबल वैरीफिकेशन सिटिजन एप’ शुरू किया है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि नकली या बिना-ड्यूटी अदा की शराब की बिक्री न हो।
उन्होंने कहा कि इन पहलकदमियों और गतिविधियों ने न सिर्फ़ सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद की है बल्कि साल 2020 में तरन तारन जिले में घटी ज़हरली शराब हादसे जैसी किसी भी त्रासदी को भी रोका है।
उन्होंने आगे कहा कि कराधान विभाग के डेटा माइनिंग विंग और टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट ने भी कर चोरी और जाली बिलिंग पर नकेल डाली है। उन्होंने कहा कि इनफोरसमैंट विंगों की वसूली फरवरी 2022 तक 147.89 करोड़ रुपए थी जो फरवरी, 2023 तक 173.27 करोड़ रुपए रही और पिछले वित्तीय साल के मुकाबले 17.2 विस्तार दर्ज किया।
उन्होंने कहा कि कराधान विभाग ने ईमानदार करदाताओं की मदद के लिए भी कई पहलकदमियां की हैं, जैसे कि वटसऐप नंबर 9160500033 के द्वारा जीएसटी के साथ सम्बन्धित सवालों के जवाब देने के लिए 24ग्7 ’चैटबोट’ और पी. पी. आई. एस 2023 के दौरान 16 रजिस्टर्ड व्यक्तियों को बेहतर कर पालना के लिए सम्मानित किया गया।
एडवोकेट चीमा ने कहा कि मौजूदा सरकार के लोगों के पैसे और जायदादों को सिर्फ़ जनहित के प्रयोग के लिए बरतने के इरादे स्पष्ट हैं, चाहे वह हर कार्यकाल के लिए एक से अधिक पैंशनों देने के पुराने उपबंध की बजाय विधायकों के लिए सिंगल पैंशन लागू करने का फ़ैसला हो या 9000 एकड़ से अधिक सरकारी ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े हटाना।
उन्होंने कहा कि पंजाब विधान सभा सैशन के सीधे प्रसारण को भी यकीनी बनाया गया है जिससे राज्य के लोग अपने नेताओं की सदन में कारगुज़ारी को देख सकें। उन्होंने कहा कि एक साफ़-सुथरी और पारदर्शी सरकार प्रदान करने के इन यत्नों ने ही राज्य में 40,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश भी आकर्षित किया है।