लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग ने "वर्ल्ड म्यूजिक थैरेपी डे" के अवसर पर एक शानदार संगीत समारोह - 'संगमंच' का आयोजन किया। इस अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बॉलीवुड के क्रांतिकारी पंजाबी सूफी गायक रब्बी शेरगिल कैंपस पहुंचे और एलपीयू के कई हजारों विद्यार्थियों का मनोरंजन किया।
विविध संस्कृतियों और भाषाओं के लिए उनकी सामाजिक रूप से प्रासंगिक काव्यात्मक मौलिकता ने दर्शकों को आत्मिक रूप से जोड़ा।'बुल्ला की जाना मैं कौन'; झल्ला की लब्धा फिरे; तेरे बिन सा नू सोहनिया सहित अपने चार्टबस्टर गाने साझा करते हुए उन्होंने आज के संगीत उद्योग, तथा दुनिया भर में पंजाबी संगीत के महत्व के बारे में खुलकर वार्तालाप किया ।
पंजाबी गायक, गीतकार, और गिटारवादक; शेरगिल ने साझा किया कि वह रॉक और पंजाबी लोक संगीत से एक समान रूप से प्रेरित हैं। उनके गीत गहरे व् दार्शनिक हैं, जहाँ वे प्राचीन और भूले-बिसरे पंजाबी वाक्यांशों को समकालीन भारतीय रॉक संगीत में मिलाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी भाषा का सम्मान करने और एक प्रामाणिक कलाकार के रूप में अलग दिखने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी व्यक्त किया कि संगीत लोगों को संगीत के माध्यम से संवाद करने की अनुमति वहां देता है जहां वे शब्दों में विफल हो जाते हैं।वर्ल्ड म्यूजिक थेरेपी डे हर साल मनाया जाता है, जहां दुनिया भर के लोग संगीत की चिकित्सा शक्ति का जश्न मनाते हैं। इस अवसर पर एलपीयू की प्रो चांसलर श्रीमती रश्मि मित्तल ने अतिथि वैश्विक कलाकार को सम्मानित किया और देश की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के लिए उनकी प्रशंसा की।
उनके साथ प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ संजय मोदी और डीन डॉ पवित्र प्रकाश सिंह भी थे।इस अवसर पर विभाग के प्रतिभावान विद्यार्थियों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाले भक्ति गायन, शास्त्रीय गायन, समूह गान, सूफी, लोक, रागों की प्रस्तुति भी दी और भारतीय व पाश्चात्य इंस्ट्रूमेंट्स की पेशकारी की ।