राज्य के लोगों को सुखद ढंग से मानक स्वास्थ्य सहूलतें यकीनी बनाने की पुरज़ोर कोशिश के अंतर्गत राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने प्राईवेट अस्पतालों को पूरी सौहर्दयता से राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने का न्योता दिया। इस दौरान उन्होंने प्राईवेट अस्पतालों को आर्थिक तौर पर कमज़ोर मरीजों के लिए उनके अस्पतालों में कुछ बैड आरक्षित रखने की अपील भी की जिससे ऐसे गरीब मरीज़ों को मानक स्वास्थ्य सहूलतों का लाभ दिया जा सके।
पंजाब निवेशक सम्मेलन-2023 के दूसरे और आखिऱी दिन इंडिया स्कूल आफ बिजऩस (आईएसबी), एस. ए. एस. नगर (मोहाली) में हैल्थकेयर और फार्मास्यूटीकल सैक्टर-उभरते स्वास्थ्य देखभाल और मैडीकल ईकोसिस्टिम: एप्रेसिंग, एडैपटिंग, अफैक्टिग सम्बन्धी करवाए लाइव सैशन की अध्यक्षता करते हुये डॉ. बलबीर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि कोई कैंसर जैसी गंभीर और नामुराद बीमारी का शिकार हो जाता है तो इसका प्रभाव उसके पूरे परिवार पर पड़ता है, कई बार हालात इतने बदतर हो जाते है कि इलाज के लिए लोगों को अपने घर और ज़मीनें भी बेचनी पड़ती हैं।
मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने अपना अस्पताल शुरू किया था, उस समय उनके पास शुरू करने के लिए कुछ भी नहीं था, परन्तु जरूरतमंद मरीजों का घर-घर जाकर इलाज किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे लोगों के घर पर जाकर भी लोगों का मुफ़्त इलाज किया है जो इलाज नहीं करवा सकते थे और उनकी आर्शीवाद स्वरूप ही मैं इस पद पर पहुँचा हूं।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पहले राज्य की स्वास्थ्य संभाल क्षेत्र का रास्ता साफ करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है, इसीलिए दिल्ली के मोहल्ला क्लीनकों की तजऱ् पर पंजाब में भी 400 मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं।
जि़क्रयोग्य है कि राज्य के पास 2000 से अधिक मल्टी-स्पैशिलटी अस्पताल स्वास्थ्य देखभाल संस्थाएं हैं जिनमें 23 जि़ला अस्पताल, 41 उप-मंडल अस्पताल, 162 सी. एच. सीज., 400 से अधिक आम आदमी क्लीनिक और 524 सरकारी आयुर्वेदिक और युनानी डिसपैंसरियां शामिल हैं। इसके इलावा, राज्य में 1570 केन्द्रों में टैलीमेडीसन सेवाओं समेत कुल 3034 स्वास्थ्य एवं तंदरुस्ती केंद्र कार्यशील हैं।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग की स्वास्थ्य सूचकांक रिपोर्ट 2021 के मुताबिक पंजाब सर्वोच्च 10 राज्यों में शामिल है, राज्य सरकार की तरफ से हैल्थकेयर और फार्मास्यूटीकल दोनों की अहम क्षेत्रों (थ्रस्ट सैक्टरों) के तौर पर पहचान की गई है।पंजाब में डाक्टरी शिक्षा में तबदीली की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब के पास और ज्यादा संख्या में माहिर स्वास्थ्य पेशेवर मौजूद हैं और राज्य में 12 मैडीकल कालेज ( 16 आगामी कालेज), 13 डैंटल कालेज, 20 अलटरनेटिव मैडिसन कालेज, फार्मा में डिप्लोमा/ डिग्री प्रदान करने वाली 150 से अधिक संस्थाएं हैं, जिनमें हर साल लगभग 7000 विद्यार्थी मैडीकल ग्रैजुएट होते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सहूलतों को और बेहतर और मज़बूत बनाने के लिए और डाक्टरों और मैडीकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया जारी है।निवेशकों को न्योता देते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य देखभाल और फार्मास्यूटीकल सैक्टर के इलावा पंजाब में मैडीकल टूरिज्म में निवेश की अथाह संभावनाएं हैं और राज्य मैडीकल वेल्यु टूरिज्म हब बनने का सामथ्र्य रखता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में विश्व स्तरीय मैडीकल संस्थाएं और पैरा-मैडीकल प्रशिक्षण सामथ्र्य उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए इन संस्थाओं का और विस्तार किया जा सकता है।इस दौरान मंत्री ने राज्य सभा मैंबर संजीव अरोड़ा, होमी भाभा कैंसर अस्पताल के डायरैक्टर डा: अशीष गिल्लियाँ, टायनर आर्थोटिकस के एम. डी डा: पुशविन्दर जीत सिंह, फोर्टिस अस्पताल के सी. ओ. ओ. अशीष भाटिया और कंट्री प्रैज़ीडैंट सैंटरिऐंट फार्मास्यूटीकलज मनोज शर्मा को सम्मानित भी किया।