वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी मुआवजा मिलने में देरी को लेकर राज्यों की शिकायत पर सोमवार को संसद में कहा कि भुगतान में देरी के लिए केंद्र को दोष देने के बजाय उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महालेखाकार के (एजी) विवरण, जो राशि की मांग के लिए पूवार्पेक्षा है, समय पर भेजे जाते हैं।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान द्रमुक के ए. राजा और आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद्रन द्वारा उठाए गए जीएसटी मुआवजे पर कई सवालों के जवाब में सीतारमण ने कहा कि केरल सरकार ने पांच साल यानी 2017-18 से 2021-22 तक एजी के बयान नहीं भेजे हैं।
उन्होंने कहा, "मैं अपने रिकॉर्ड देख रही हूं और कह रही हूं कि केरल ने 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के जीएसटी मुआवजे के लिए एजी के प्रमाणित बयान नहीं भेजे हैं। मुझे खेद है कि आपने इसे एक साल के लिए भी नहीं भेजा है।
साल-दर-साल बीत रहा है और इस तरह सदन का बहुमूल्य समय जाया हो रहा है।" उन्होंने कहा, "क्या आपने अपना मुआवजा बकाया प्राप्त करने के लिए मुझे एक वर्ष के लिए भी एजी का प्रमाणित खाता भेजा है? फिर, यह आरोप लगाया जाता है कि केंद्र समय पर धन जारी नहीं कर रहा है।
प्रमाणित अधिकृत बयान एक वर्ष के लिए भी नहीं पहुंचा है।" वित्तमंत्री ने प्रेमचंद्रन से कहा कि वह केरल सरकार को बताएं कि वह सभी स्टेटमेंट एक साथ भेज दे। उन्होंने कहा, "स्टेटमेंट की प्राप्ति पर हम इसे क्लियर कर देंगे। आपने इसे एक वर्ष के लिए नहीं भेजा है, और आप हम पर आरोप लगाते रहते हैं कि हम आपको समय पर पैसा नहीं दे रहे हैं।"