भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मई 2020 में गलवान गतिरोध के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश पर भारत की जवाबी प्रतिक्रिया उस समय कोरोना वायरस महामारी के बावजूद मजबूत और ²ढ़ थी।
यहां तक कि पिछले महीने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में सीमा पर संघर्ष के दौरान भारत की जवाबी प्रतिक्रिया मजबूत रही। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को चेन्नई में तमिल साप्ताहिक समाचार पत्रिका तुगलक के वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि चीन भारत की उत्तरी सीमाओं पर बड़ी ताकतों को जुटाकर यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है।
हालांकि, महामारी के बावजूद, भारत की प्रतिक्रिया मजबूत और ²ढ़ थी। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना अत्यधिक और कठोर मौसम की स्थिति के बावजूद सीमाओं की रक्षा करना जारी रखती है। जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया ने भारत की प्रतिक्रिया के माध्यम से देखा कि इसे मजबूर नहीं जा सकता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो किया जाना चाहिए वह वो करेगा।
हिंद महासागर की तुलना में भारत की भू-रणनीतिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए जयशंकर ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में महासागर और भी अधिक भू-राजनीतिक महत्व ग्रहण करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत अपने स्थान का कितना अच्छा उपयोग करता है।