डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल की अध्यक्षता में जिला बाल सुरक्षा यूनिट व बाल भलाई कमेटी के कामकाज संबंधी जुलाई से सितंबर व सितंबर से दिसंबर की तिमाही समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने पोस्को, बाल भिक्षा, बाल श्रम, बाल विवाह से संबंधित मामलों के बारे में जानकारी हासिल की।
उन्होंने बच्चों की संभाल के लिए बने सरकारी होम्ज, बाल भलाई कमेटी व जिला बाल सुरक्षा यूनिट के कार्यों पर चर्चा करते हुए होम्ज में साफ-सफाई, बच्चों के नियमित स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा, खाने की गुणवत्ता चैक करने संबंधी निर्देश भी दिए। इस दौरान उनके साथ जिला प्रोग्राम अधिकारी अमरजीत सिंह भुल्लर भी मौजूद थे।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि कोरोना के कारण अनाथ व बेसहारा हुए 88 बच्चों व 2 अनाथ बच्चों को भारत व पंजाब सरकार की ओर से जारी की गई अलग-अलग स्कीमों जैसे कि स्पांसरशिप फंड, आश्रित पेंशन, सरबत सेहत बीमा योजना, घर-घर रोजगार, स्मार्ट राशन कार्ड के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं आदि का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने कमेटी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पोस्को एक्ट, बाल श्रम, एडोप्शन गाईडलाइन्स, बाल विवाह निषेध एक्ट संबंधी अलग-अलग स्कूलों, सरकारी होम्ज, एम.एल.टी.सी सैंटर व आंगनवाड़ी ट्रेनिंग सैंटरों में जागरुकता कैंप लगाए जाएं।
जिला बाल सुरक्षा अधिकारी हरप्रीत कौर की ओर से सुरक्षा व संभाल के लिए जरुरी बच्चों जैसे कि अनाथ, बेसहारा, गुमशुदा हालत में मिले बच्चे, बाल विवाह, यौन शोषण से पीडि़त बच्चों के केसों के निपटारे संबंधी बाल भलाई कमेटी व जिला बाल सुरक्षा यूनिट की ओर से की गई कार्रवाई संबंधी जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि अडाप्शन करने के लिए चाहवान परिवारों को सारी प्रक्रिया संबंधी जागरुक किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस समय के दौरान 35 परिवारों को अडाप्शन की कानूनी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा गांव स्तरीय बाल सुरक्षा कमेटियों व ब्लाक स्तरीय बाल सुरक्षा कमेटियों की कारगुजारी संबंधी विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान समूह सुपरिडैंट होम्ज की ओर से होम्ज में रह रहे बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी गई।बैठक में कमेटी के पदाधिकारी, समूह सुपरिडैंट, लेबर इंस्पेक्टर, चाइल्ड लाइन होशियारपुर के प्रतिनिधि, समूह स्टाफ बाल सुरक्षा यूनिट व वन स्टाप सैंटर होशियारपुर से स्टाफ मौजूद था।