जिला विकास आयुक्त राजौरी विकास कुंडल की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें लाइन विभागों और बैंकों द्वारा सरकार की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।
बैठक में सीपीओ मोहम्मद खुर्शीद, जीएम डीआईसी अश्विनी शर्मा, डीडीई कदीर उल रहमान, सीएओ सोहन सिंह, डीडीएम नाबार्ड कणव शर्मा, निदेशक आरसेटी रमन शर्मा, डीएसएचओ डॉ. सरफराज नसीम चैधरी, एलडीएम संजीव भसीन, डीएसडब्ल्यूओ वकील अहमद भट्ट और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में सीडी अनुपात, वार्षिक क्रेडिट योजना, केसीसी फसल के तहत किसानों की संतृप्ति, केसीसी पशुपालन और केसीसी भेड़पालन, स्ट्रीट वेंडर्स (पीएम स्वनिधि), पीएमईजीपी, संयुक्त देयता समूहों के लिए विशेष क्रेडिट सुविधा के तहत की गई प्रगति आदि पर विस्तृत चर्चा हुई।
यह बताया गया कि जिले ने 30 सितंबर, 2022 तक 5681.05 करोड़ जमा और 2847.69 करोड़ रुपये अग्रिम 50.13 प्रतिशत सीडी अनुपात दर्ज किया। डीडीसी ने अगली डीएलआरसी बैठक से पहले 60 प्रतिशत सीडी अनुपात प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक क्रेडिट प्लान के तहत क्रेडिट प्रवाह का जायजा लेते हुए, यह अवगत कराया गया कि 30 सितंबर, 2022 तक 35 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है।
एसीपी के तहत धीमी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, डीडीसी ने बैंकरों से कहा कमी को दूर करने के लिए प्रभावी उपाय करें और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने पर ध्यान केंद्रित करें।केसीसी पशुपालन एवं भेड़पालन के तहत किसानों की संतृप्ति की समीक्षा करते हुए बताया गया कि पशुपालन के तहत 2601 मामले जबकि केसीसी भेड़पालन के तहत 850 मामले वितरित किए गए हैं।
स्ट्रीट वेंडर्स के लिए विशेष क्रेडिट सुविधा (पीएम स्वनिधि) के तहत हुई प्रगति के बारे में पूछताछ करते हुए बैठक में बताया गया कि 9.20 लाख रुपये की राशि के 204 मामलों को मंजूरी दी गई है और 52 का वितरण किया गया है। इसी प्रकार एनआरएलएम के तहत 381 मामले स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 373 का वितरण किया जा चुका है।
पीएमईजीपी डीआईसी, पीएमईजीपी केवीआईबी, पीएमईजीपी केवीआईसी, जेकेआरईजीपी के बारे में पूछताछ करते हुए, डीडीसी ने कहा कि प्रायोजित, स्वीकृत और वितरित मामलों के बीच एक अंतर था और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत सभी पात्र व्यक्तियों को शामिल करने और सभी डीबीटी खातों को आधार से जोड़ने पर भी जोर दिया गया। इस दौरान, नाबार्ड की 1089.33 करोड़ रुपये की संभावित लिंक्ड क्रेडिट योजना भी इस अवसर पर लॉन्च की गई। पीएलपी जिले में आर्थिक गतिविधियों की क्षमता का एक व्यापक दस्तावेज है जो विकास हेतु शुरू की जा सकने वाली आर्थिक गतिविधियों के लिए ब्लॉक-वार भौतिक और वित्तीय अनुमान देता है। अनुमान कुल वित्तीय परिव्यय और निवल बैंक ऋण के लिए निकाले गए हैं।