पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज रिश्वतखोरी केस में आंशिक जांच पूरी करने के उपरांत मुलजिम पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा के खि़लाफ़ एस.ए.एस. नगर की सक्षम अदालत में चार्जशीट (चालान) दाखि़ल कर दिया है। इस केस का सप्लीमैंटरी चालान बाद में पेश कर दिया जायेगा, क्योंकि इस मामले में अभी अगली जांच जारी है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि सहायक इंस्पेक्टर जनरल (ए.आई.जी.) ऑफ पुलिस के तौर पर विजीलैंस ब्यूरो, के फ्लाइंग स्कॉयड-1, एस.ए.एस. नगर में तैनात मनमोहन कुमार की शिकायत पर पंजाब के पूर्व मंत्री के विरुद्ध रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री ने उक्त ए.आई.जी. को रिश्वत की पेशकश करते हुए गिरफ़्तार किया था और इस सम्बन्धी एफ.आई.आर. नं. 19 तारीख़ 15-10-2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के अधीन विजीलैंस ब्यूरो के थाना, फ्लाइंग स्कॉयड-1, पंजाब, एस.ए.एस. नगर में मामला दर्ज किया गया था।
इस केस संबंधी और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ए.आई.जी. मनमोहन कुमार द्वारा चीफ़ डायरैक्टर, विजीलैंस ब्यूरो, पंजाब को शिकायत दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि 14-10-2022 को उनको सुंदर शाम अरोड़ा की वाट्सऐप कॉल आई थी। उसने अपने आप को शिकायतकर्ता का पुराना जानकार बताया और आगे अपनी पत्नी के देहांत के बारे में भी बताया। इसके उपरांत अरोड़ा ने शिकायतकर्ता को विनती की कि वह उनके घर आकर दुख-सुख साझा करना चाहता है।
इसके उपरांत दोषी पूर्व मंत्री शिकायतकर्ता के घर पहुँचा और उसने विजीलैंस ब्यूरो में अपने खि़लाफ़ चल रहे मामले के बारे में बातचीत शुरू कर दी। इस मामले में मदद करन के लिए उसने 1,00,00,000 रुपए (एक करोड़ रुपए) रिश्वत की पेशकश की। दोषी ने शिकायतकर्ता को आधी रकम 50,00,000 (पचास लाख रुपए) अगले दिन भाव 15-10-2022 को पेशगी रिश्वत के तौर पर देने और बाकी की रकम बाद में अदा करने की पेशकश की।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि शिकायतकर्ता को सुंदर शाम अरोड़ा से इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए वह मौके पर चुप रहे और वह समाज में भ्रष्टाचार फैलाने वाले ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करना चाहते थे। तथ्यों की पड़ताल के उपरांत शिकायतकर्ता मनमोहन कुमार ए.आई.जी./विजीलैंस ब्यूरो के बयान दर्ज करके पूर्व मंत्री के खि़लाफ़ उक्त केस दर्ज किया गया।
विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने मुलजिम सुंदर शाम अरोड़ा को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में तब गिरफ़्तार कर लिया जब वह 50,00,000 रुपए रिश्वत की रकम वाला बैग शिकायतकर्ता के हवाले कर रहा था। अब वह न्यायिक हिरासत के अधीन जेल में बंद है।