पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा राज्य में सरकारी सर्किट हाऊस/विश्राम गृहों में ही ठहरने को प्राथमिकता देने और इनको पूरी तरह से प्रयोग में लाने के निर्देशों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा बंद पड़े सात नहरी विश्राम गृहों को चिन्हित किया गया है, जिनका जीर्णोद्धार कर फिर से चालू किए जाएंगे।
यह फ़ैसला आज यहाँ पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ द्वारा नहरी विश्राम गृहों को फिर से क्रियाशील करने के लिए जल संसाधन विभाग और पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पी.आई.डी.बी.) के अधिकारियों के साथ बैठक में किया गया।
बैठक के उपरांत विवरण देते हुए मुख्य सचिव श्री जंजुआ ने बताया कि राज्य में नहरों के किनारे बने कई नहरी विश्राम गृह पिछले लम्बे अरसे से बंद पड़े हैं और उनकी हालत भी काफ़ी ख़स्ता हो गई है। राज्य सरकार द्वारा पहले चरण में सात विश्राम गृहों को चिन्हित किया गया है, जिनका पी.पी.पी. मोड पर जीर्णोद्धार कर चलाया जा सकता है। यह विश्राम गृह ढोलबाहा (होशियारपुर), खन्ना, बनूड़, कत्थू नंगर (अमृतसर), सिद्धवां बेट (लुधियाना) और चमकौर साहिब में स्थित हैं।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इनके जीर्णोद्धार के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि इन विश्राम गृहों के विरासती रूप से किसी तरह का कोई खिलवाड़ ना किया जाए और पुरातन पारम्परिक रूप को कायम रखते हुए मौजूदा ज़रूरतों के अनुसार अंदर से तैयार किया जाए। उन्होंने जल संसाधन विभाग को और ऐसे विश्राम गृहों को चिन्हित करने संबंधी कहा, जो इस समय पर ख़स्ता हाल के कारण बंद पड़े हैं और इनको दूसरे चरण में तैयार किया जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव जल संसाधन कृष्ण कुमार, पी.आई.डी.बी. के एम.डी. मोहम्मद तय्यब और एडीशनल एम.डी. यशनजीत सिंह भी उपस्थित थे।