Monday, 27 March 2023

 

 

खास खबरें 'गुम है किसी के प्यार में' शो के 800 एपिसोड पूरे, टीम ने मनाया जश्न मेन्स सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट्स : अजिंक्य रहाणे, भुवनेश्वर कुमार का क्रिकेट में करियर खत्म? इटली ने यूरो क्वालिफायर में माल्टा को हराया पेड अकाउंट एकमात्र सोशल मीडिया होगा, जो मायने रखता है : एलन मस्क इंग्लैंड, पुर्तगाल ने यूरो 2024 क्वालिफायर में बैक-टू-बैक जीत हासिल की इन्फ्लूएंजा और कोविड मरीजों को मिले तत्काल इलाज : योगी आदित्यनाथ सलमान खान को धमकी भरा मेल भेजने वाला मुंबई पुलिस की हिरासत में आपसे ज्यादा मुझे कौन प्यार करेगा, सामंथा प्रभु का डेटिंग पर नया ट्वीट ट्विटर ने माना, सोर्स कोड के कुछ हिस्से गिटहब पर ऑनलाइन लीक हुए ब्राजील के नाइट क्लब में गोलीबारी में तीन की मौत सिलीगुड़ी से डेढ़ करोड़ रुपये का सोना बरामद, तीन गिरफ्तार बसपा सांसद से मिले अखिलेश यादव, अटकलों का बाजार गर्म मनीष तिवारी ने राहुल की अयोग्यता के खिलाफ दिया स्थगन नोटिस एलपीयू में एजुकेशन के 90% स्टूडेंट्स ने सीटीईटी परीक्षा पास की राहुल गांधी सपने में भी सावरकर नहीं हो सकते : अनुराग ठाकुर बीसीसीआई वार्षिक अनुबंध : रवींद्र जडेजा ए प्लस श्रेणी में हुए पदोन्नत व्हाट्सएप एंड्रॉइड पर नए 'ऑडियो चैट' फीचर पर काम कर रहा स्विस ओपन: सात्विकसैराज रन्किरेड्डी-चिराग शेट्टी ने पुरुष युगल खिताब जीता विराट के साथ बल्लेबाजी करना शानदार था, मुझे खेल के प्रति उनका जूनून पसंद है: क्रिस गेल मैं और बघेल दोनों ओबीसी हैं और कांग्रेस ने हमें सीएम बनाया है : अशोक गहलोत कर्नाटक में अमित शाह ने कांग्रेस, बीआरएस पर साधा निशाना

 

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में “सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान पद्धति” विषयक आईसीएसएसआर प्रायोजित दस दिवसीय पाठ्यक्रम आरंभ

देश के विभिन्न क्षेत्रों से एम.फिल., पीएच.डी. और पीडीएफ पाठ्यक्रम के शोधार्थी गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान करने हेतु आधुनिक अनुसंधान पद्धति तकनीकों को सीखने के लिए इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं

Central University of Punjab, CUPB, Bathinda, Prof. Raghvendra P Tiwari

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

बठिंडा , 22 Nov 2022

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को देश भर के एम.फिल, पीएचडी और पीडीएफ शोधार्थियों के लिए "सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान पद्धति" विषयक आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित दस दिवसीय पाठ्यक्रम (21-30 नवंबर) का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो जगबीर सिंह ने की। 

इस कार्यक्रम में प्रो. कपिल कपूर, अंग्रेजी के पूर्व प्रोफेसर तथा कांकुरेंट प्रोफेसर, विशेष संस्कृत अध्ययन केन्द्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय; और डॉ. उमाशंकर पचौरी, महामंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल, क्रमशः मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने सम्मानित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। 

उन्होंने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि शोधार्थियों को सामाजिक मुद्दों और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने हेतु सार्थक समाधान खोजने के लिए अपने शोध विषय और शोध पद्धति का सावधानीपूर्वक चयन करना चाहिए।माननीय कुलाधिपति प्रो. जगबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि युवा शोधकर्ताओं को पता होना चाहिए कि यदि अनुसंधान पद्धति विकसित करते समय अनुभव और ज्ञान के क्षेत्रों को ध्यान में नहीं रखा जाता है, तो डेटा विश्लेषण कभी-कभी गलत परिणाम भी दे सकता है। एक शोधकर्ता को अपने विषय में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए अध्ययन करने और उचित अनुसंधान पद्धति तैयार करने से पहले समस्या के समग्र संदर्भ को समझना चाहिए।

मुख्य अतिथि प्रो. कपिल कपूर ने कहा कि पाश्चात्य शोधकर्ताओं ने हमेशा भारतीय भाषाओं और हमारी ज्ञान प्रणाली पर पश्चिमी  भाषा, संस्कृति और विचारों की सर्वोच्चता स्थापित करने की कोशिश की है, जबकि भारतीय ज्ञान प्रणाली अवलोकन पर आधारित है और भारतीय सभ्यता ने दुनिया को सदैव सतत जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित किया है। 

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सभ्यता में ज्ञान के मौखिक संचार के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता रहा है और इस लिए शोधकर्ताओं को समस्या की जड़ तक पहुँचने के लिए अपने क्षेत्र अध्ययन के दौरान उत्तरदाताओं को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के उपयुक्त अवसर देने चाहिए।विशिष्ट अतिथि डॉ. उमाशंकर पचौरी ने इस बात को रेखांकित किया कि प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली हमें निरंतर ज्ञान की खोज करने और अपनी व्यक्तिगत पहचान को बनाए रखते हुए एक-दूसरे के साथ सद्भाव से रहने के लिए मार्गदर्शन करती है। 

उन्होंने शोधकर्ताओं से भारत-केंद्रित शोध पद्धति का उपयोग करने का आग्रह किया जो मुख्य रूप से अवलोकन और तथ्यों पर आधारित हो।उद्घाटन समारोह में प्रोफेसर जगबीर सिंह द्वारा लिखित और चेतना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित "इंडिक सिविलाइज़ेशन एंड इट्स धर्मा ट्रेडिशंस" नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।इस कार्यक्रम में अकादमिक सहयोग के लिए एक मंच भी प्राप्त हुआ जिसके अंतर्गत माननीय अतिथियों के उपस्थियों में संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लोंगोवाल और बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, बठिंडा के अधिकारीयों ने रिसर्च फॉर रिसर्जेन्स फ़ौंडेशन, नागपुर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यापीठ के डीन डॉ. शंकर लाल बीका ने कार्यक्रम की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि देश भर से 300 से अधिक आवेदकों ने इस कोर्स के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 17 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों सहित देश भर के केवल 30 बाहरी उम्मीदवारों को इस दस दिवसीय पाठ्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला। 

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी भी सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान के संदर्भ में ज्ञान प्राप्त करने हेतु इस कार्यशाला में भाग ले रहें हैं। इस कार्यशाला में भारत भर के विभिन्न राज्यों के 15 आमंत्रित वक्ता कार्यक्रम विषय पर अपने विचार साझा करेंगे। कार्यक्रम के अंत में परीक्षा नियंत्रक और कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. बी.पी. गर्ग ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया।इस उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों ने भाग लिया।

 

 

Tags: Central University of Punjab , CUPB , Bathinda , Prof. Raghvendra P Tiwari

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD