गांव मजारी का छिंज मेला बीती रात भव्यता के साथ संपन्न हुआ और क्षेत्र के हजारों लोगों ने खूब आनंद मनाया। इस अवसर पर पंजाब विधान सभा के माननीय डिप्टी स्पीकर डॉ जय कृष्ण सिंह रोड़ी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रसिद्ध अखाड़ों के पहलवानों ने 12-13 नवंबर को दो दिवसीय छिंज मेले में भाग लिया और अपने कुश्ती कौशल का प्रदर्शन किया।
सभा को संबोधित करते हुए डिप्टी स्पीकर रोरी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार आम लोगों की सरकार है जो पंजाब को खेल के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके तहत वह युवाओं को खेलों से जोड़ने के लिए गांव में करीब 25 लाख रुपये की लागत से खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि गढ़शंकर से नंगल रोड तक सड़क की हालत बेहद दयनीय है और वह पिछले 6 माह से लगातार इसे बनाने का प्रयास कर रहे थे, जो अभी रूका हुआ था, उन्होंने कहा कि एक दिसंबर से पहले इस सड़क के लिए टेंडर जारी कर इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा ताकि तय समय में इस सड़क को पूरा कर लोगों को समर्पित किया जा सके।
सरपंच सोमनाथ राणा की अध्यक्षता वाली छिंज कमेटी व राजपूत समाज के सभी पतवंतियों के सहयोग से प्राचीन सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर के साथ वाले खेल के मैदान में इस कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया। इस छिंज मेले को सफल बनाने के लिए एनआरआई भाईयों द्वारा भी सहयोग किया गया।छिंज मेले में 200 से अधिक पहलवानों (100 जोड़ी) ने अपना दम दिखाया।
चार कुश्ती मुकाबले हुए, जिनमें फाइनल मुकाबला प्रवेश बहादुरगढ़ और प्रवीण कोहली के बीच हुआ। करीब 20 मिनट की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद कोई फैसला नहीं हो पाने के कारण दोनों पहलवानों के बीच अंकों के आधार पर कुश्ती हुई, जिसमें प्रवेश बहादुरगढ़ विजयी रहा।फगवाड़ा में रहने वाले सरपंच सोमनाथ राणा रात को अपने पैतृक गांव मजारी की मिट्टी नहीं सोने देते और गांव को तरक्की की राह पर ले जाने की लालसा उनके मन में हमेशा रहती है।
अपनी पारिवारिक कमाई से जहां वे गांव के वार्षिक धार्मिक आयोजनों में अग्रणी भूमिका निभाते हैं, वहीं छिंज मेले में भी उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। सरपंच सोमनाथ राणा युवाओं की अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।इस अवसर पर सरपंच सोमनाथ राणा, नंबरदार सुभाष राणा, सूबेदार मेहर सिंह, सुरजीत धीमान, फुमन राणा, सुशिंदर राणा, रघुविंदर राणा के अलावा दिलबाग राणा, जगदेव राणा, एनआरआई रणवीर राणा, सतविंदर राणा, कुलवीर राणा, विजय राणा (दिल्ली), कैप्टन सोहन राणा, ध्रुव राणा, डॉ. महेंद्र अंगार (बिट्टू), राम फौजी, सतीश राणा (गब्बर), शिव कुमार (बिट्टू), विजय राणा (चंडीगढ़), शिव कुमार (जलापूर्ति) सहित बड़ी संख्या में गांव के निवासी मौजूद थे।