पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि भारत अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग में वृद्धि का 25 प्रतिशत पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति वैश्विक लोक के प्रति प्रतिबद्धताओं, हरित संक्रमण के लिए और सभी के लिए ऊर्जा उपलब्धता, सामथ्र्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
पुरी ने मंगलवार को टेक्सस के ह्यूस्टन में 'भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में अवसर' पर एक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत ने कम कार्बन विकास की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे उभरते ईंधन शामिल हैं।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण ऊर्जा वातावरण के बावजूद, ऊर्जा संक्रमण और इसके जलवायु शमन लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता कम नहीं होने वाली है। गोलमेज सम्मेलन में 35 कंपनियों के 60 से अधिक प्रतिभागियों को एक साथ लाया गया, जिनमें एक्सॉनमोबिल, शेवरॉन, चिएनियर, लैंजेटेक, हनीवेल, बेकर ह्यूजेस, इमर्सन, टेल्यूरियन जैसी ऊर्जा प्रमुखों के वरिष्ठ नेतृत्व शामिल थे।
इस कार्यक्रम में भारतीय ऊर्जा सार्वजनिक उपक्रमों ने भी भाग लिया। पुरी ने कहा कि भारत नो-गो क्षेत्रों को 99 प्रतिशत तक कम करके, लगभग एक मिलियन वर्ग किलोमीटर को खोलकर, और राष्ट्रीय डिपॉजिटरी रजिस्ट्री के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता वाले भूवैज्ञानिक डेटा उपलब्ध कराकर, अन्वेषण और उत्पादन को तर्कसंगत बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए बड़े सुधार कर रहा है।