पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जारी मुहिम के दौरान जुलाई महीने में पाँच अलग-अलग ट्रैप मामलों में 8 कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है, जिनमें पी.एस.पी.सी.एल के दो कर्मचारी और नगर सुधार ट्रस्ट लुधियाना के तीन कर्मचारी शामिल हैं।
यह जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने इस समय के दौरान सरकारी कर्मचारियों और अन्यों में भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए सख़्त कोशिशें की हैं। विजीलैंस अधिकारियों ने यह सुनिश्चित बनाया है कि संदिग्ध व्यक्ति राज्य की अलग-अलग अदालतों में न्यायिक सजा से बचकर न निकल सके।
उन्होंने बताया कि पिछले महीने विजीलैंस ब्यूरो द्वारा अगली जांच के लिए 14 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 20 दोषी शामिल थे। इन आपराधिक मामलों में चार पुलिस कर्मचारी, दो राजस्व अधिकारी और नगर सुधार ट्रस्ट लुधियाना के छह कर्मचारियों समेत इसके पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रमण्यम के खि़लाफ़ मामला दर्ज किया गया है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि ब्यूरो ने पिछले महीने अलग-अलग विशेष अदालतों में आठ विजीलैंस मामलों से सम्बन्धित चालान पेश किए हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों की गहराई से जांच करने के लिए सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध 12 विजीलैंस एनक्वारियाँ भी दर्ज की गई हैं।
और अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने पिछले महीने के दौरान ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए रिश्वतखोरी के तीन मामलों का फ़ैसला हुआ है, जिसमें अतिरिक्त जि़ला और सैशन जज, बरनाला द्वारा हाकम सिंह राजस्व पटवारी और अवतार सिंह सेवादार को दोषी करार देते हुए चार-चार साल की कैद के साथ क्रमवार 20,000 रुपए और 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
इसी तरह गुरदर्शन सिंह राजस्व पटवारी को अतिरिक्त जि़ला और सैशन जज संगरूर द्वारा चार साल की कैद और 20 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।एक अन्य मामले में पंजाब खादी बोर्ड के जि़ला कर्मचारी कृष्ण दास को अतिरिक्त जि़ला और सैशन जज, फिऱोज़पुर द्वारा भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत तीन साल की कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा उक्त कानून की धारा 13(2) के अंतर्गत उसको चार साल की कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है।