दिल्ली से एक बड़ी खबर आ रही है। नेशनल हेराल्ड केस में ED ने बड़ा एक्शन लिया है। ED ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दिल्ली में यंग इंडिया के ऑफिस को सील कर दिया। साथ ही ईडी ने निर्देश दिया कि एजेंसी की अनुमति के लिए बिना परिसर न खोला जाए। इतना ही नहीं दिल्ली में AICC मुख्यालय के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ED ने इस मामले में एक दिन पहले दिल्ली और कोलकाता समेत 12 ठिकानों पर छापा मारा था। मंगलवार को ED की टीम ने दिल्ली स्थित नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापा मारा था। ED ने दफ्तर में तलाशी ली थी। इस मामले में पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) और राहुल गांधी (Rahul gandhi) से भी पूछताछ हो चुकी है। नेशनल हेराल्ड मामले में देश भर में 14 लोकेशन पर छापेमारी की गई। इसमें नेशनल हेराल्ड का दफ्तर भी शामिल है।
जानिए कया है नेशनल हेराल्ड केस-
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।
ये भी पढ़ें:- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समर्थन में उतरे अखिलेश यादव!
भले ही AJL के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।