इंसानियत उसे नहीं कहते जब आप किसी इंसान से प्यार करते हैं, उसकी फिक्र करते हैं या उसकी मदद करते हैं। इंसानित उसे कहते हैं जो बेजुबानों की मदद करता है, उनकी तकलीफों को अपना समझता है। आज हम आपको एक ऐसी ही 90 साल दादी के बारे में बताएंगे जो इंसानियत की मिसाल है।
एक 90 साल की दादी की कहानी, जो आज भी 120 आवारा कुत्तों के लिए खाना बनाती हैं और उनका ध्यान रखती हैं। इनका नाम कनक है। ऐसा नहीं है कि दादी ने कोई खाने बनाने वाला रखा है बल्कि वो खुद रोज अपने हाथ से इन कुत्तों के लिए खाना बनाती हैं। वो रोज नया-नया तरह का खाना कुत्तों के लिए बनाती हैं। वो ऐसा इसलिए करती हैं, ताकि कुत्ते रोज एक-एक तरह के खाने से बोर ना हो जाएं। वो अपने बच्चों की तरह उनकी देखभाल करती हैं।
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90 साल की इस दादी का एक वीडियो इंस्टाग्राम पर उनकी पोती ने शेयर किया है। वो बताती हैं कि उनकी दादी के कई मेजर ऑपरेशन हो चुके हैं। वो कई बार बेडरेस्ट पर जा चुकी हैं लेकिन उन्होंने अपने और अपने इन प्यारे डॉग्स के बीच किसी तरह की मुश्किल हालात को नहीं आने दिया। वो आज भी रोज सुबह साढ़े चार बजे उठती हैं और उनके लिए खाना बनाती हैं।
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पोती सना लिखती हैं कि हरेक डॉग को खिलाने के बाद जब मैं वापस आई तो दादी ने पूछा कि आज सबने अच्छे से खाया? सबको पसंद आया? तो मैंने उन्हें यह वीडियो दिखाया। उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। वो आगे लिखती हैं कि उनकी दादी की मानना है कि आज उनकी उम्र इतनी लंबी सिर्फ और सिर्फ उन बेजुबान डॉग्स के कारण हुई है। वो रोज दादी को दुआ देते हैं, वो कहती हैं कि बस मैं बनाऊं और ये खाएं बस यही मेरी खुशी है।
सना एक पोस्ट में लिखती हैं कि उन्हें डॉग्स से जरा भी प्यार नहीं था। लेकिन जब उनकी दादी ने एक कुत्ते को घर पर पालना शुरू किया तो सना को भी उस डॉग से प्यार हो गया। उनका डॉग का नाम कोको है। सना आज अपनी दादी का NGO Paws in Puddle चलाती हैं और कुत्तों को खाना खिलाती हैं, यहां तक कि उनका ट्रीटमेंट भी करवाती हैं।
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दिन भर की थकान के बाद जब हम कुछ ऐसे लोगों को बारे में पढ़ते हैं, जानते हैं, तो दिल से खुशी होती है। दिनभर की थकान को थोड़ा आराम मिलता है। क्योंकि जबतक इंसानियत जिंदा है तब तक ही इंसान जिंदा है। और बेजुबानों के लिए मसीहा बन जाना, इससे बेहतर तो शायद कुछ हो ही नहीं सकता।