Kanpur Violence पर एक बड़ा खुलासा हुआ है। ये एक सोची समझी घटना थी। कानपुर हिंसा भले ही 3 जून को हुइ थी लेकिन धीरे धीर इसपर नए खुलासे हो रहे हैं। अब कोर्ट में सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों की ओर से पत्थरबाजी से लेकर बमबाजी तक के रेट निर्धारित किए गए थे। जी हां रेप पहले से ही तय थे कि पत्थरबाजी करने वाले को कितना मिलेगा और बमबाजी करने वाले को कितना?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि SIT की केस डायरी में इस बात का जिक्र है कि कानपुर में हुई हिंसा को लेकर पूरी प्लानिंग हुई थी, जिसमें फाइनेंस से लेकर हर व्यक्ति की अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई थी। इतना ही नहीं, उपद्रव करने वाले को किस तरह से रकम देनी है और उन्हें कैसे काम करना है और उसके लिए कितने पैसे मिलेंगे, बकायदा इसका रेट तय किया गया था।
SIT की केस डायरी में इस बात का भी दावा किया गया है कि Kanpur Violence के दौरान पत्थर चलाने वाले पत्थरबाजों के लिए 1 हजार रुपए का रेट तय किया गया था, तो वहीं ठेले पर पत्थर भरकर लाने वालों और गोली-बम चलाने वालों के लिए 5 हजार रुपए का रेट निर्धारित किया गया था। सबसे बड़ी बात ये है कि इस हिंसा में नाबालिगों का इस्तेमाल किया गया था ताकि पकड़े जाने पर उनपर कोई कठोर कार्रवाई ना हो सके। नाबालिगों को केवल हिंसा में आगे रखने और पथराव करने के लिए रखा गया था।
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प्लानिंग ऐसी थी कि उपद्रव के बाद पकड़े जाने पर उपद्रिवयों के लिए मदद का पूरा आश्वासन दिया गया था। हिंसा के दौरान अपराधियों के पकड़े जाने पर उन्हें निशुल्क कानूनी मदद और परिवार को आर्थिक मदद का भी भरोसा दिलाया गया था। इस काम के लिए बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और हाजी वशी के द्वारा नियुक्त किए गए जिम्मेदार लोगों ने उपद्रवियों को आश्वासन दिया था।
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हिंसा कराने के लिए हाजी वशी के मैनेजर अफजाल ने पूरी टीम तैयार की थी और उपद्रवियों को 10 लाख रुपए एडवांस के तौर पर भी दिए थे। हिंसा के दौरान पथराव करने वाले व बम चलाने वालों के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए थे। हयात जफर हाशमी और निजाम कुरैशी को बंदी सफल कराने के निर्देश दिए गए थे, तो वहीं मुख्तार बाबा, उसका बेटा महमूद, हाजी वशी और मैनेजर अफजाल पूरा मैनेजमेंट संभाल रहे थे। हिंसा के बाद सबको बचाने के लिए भी तैयारियां हुई थी लेकिन पुलिस ने उनके सारे किए कराए पर पानी फेर दिया।