केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज आईओ-टेक-वर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड को ड्रोन नियम, 2021 के तहत पहला टाइप सर्टिफिकेट (टीसी) प्रदान किया। गुरुग्राम स्थित कंपनी की स्थापना अप्रैल 2017 में हुई थी और यह भारत में किसान ड्रोन के अग्रणी निर्माताओं में से एक है।
आईओ-टेक-वर्ल्ड ने 11 मई, 2022 को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर अपना ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद 34 दिनों में टाइप सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि ड्रोन नियम, 2021, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) या प्रमाणन निकायों (सीबी) को 60 दिनों और डीजीसीए को टाइप सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 15 दिन, (यानी कुल 75 दिन) की अनुमति देता है, बशर्ते सभी आवश्यक दस्तावेज और परीक्षण रिपोर्ट विनिर्देशों के अनुसार हों।
ड्रोन नियम, 2021 को 25 अगस्त, 2021 को अधिसूचित किया गया था और ड्रोन के लिए टाइप सर्टिफिकेट (टीसी) प्राप्त करने के लिए 'मानव रहित विमान प्रणालियों (सीएसयूएएस) के लिए प्रमाणन योजना' को 26 जनवरी, 2022 को अधिसूचित किया गया था। क्यूसीआई द्वारा अनुमोदित तीन विश्व-प्रसिद्ध प्रमाणन निकाय (सीबी) हैं - टीक्यू सर्ट, यूएल इंडिया और ब्यूरो वैरिटस।
ड्रोन निर्माता अपने ड्रोन प्रोटोटाइप के परीक्षण के लिए किसी भी प्रमाणन निकाय से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं। जनवरी 2022 की ड्रोन प्रमाणन योजना को भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा ड्रोन स्टार्टअप, उद्योग, शिक्षाविदों और रक्षा विशेषज्ञों के परामर्श से विकसित किया गया था।
सरकार ने एक सूत्रधार और समस्या समाधानकर्ता की भूमिका निभाई। ड्रोन प्रमाणन योजना से भारत में निर्मित और दुनिया भर में बेचे जाने वाले विश्वस्तरीय ड्रोन के लिए एक इको-सिस्टम तैयार करने की संभावना है। 14 ड्रोन प्रोटोटाइप हैं जो वर्तमान में प्रमाणन परीक्षणों से गुजर रहे हैं।
अगले तीन वर्षों में टाइप प्रमाणित प्रोटोटाइप की संख्या 100 से अधिक हो सकती है। इस अवसर पर अपने भाषण में श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने ड्रोन नियम, 2021 के तहत पहले टाइप के प्रमाणपत्र (टीसी) के लिए आईओ-टेक-वर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय माननीय प्रधानमंत्री के विजन “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की दिशा में काम कर रहा है। भारत ने 2030 तक ड्रोन हब बनने का लक्ष्य रखा है और रिकॉर्ड 34 दिनों में टाइप सर्टिफिकेट जारी करना उस दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि अन्य ड्रोन प्रोटोटाइप को भी जल्द ही प्रमाणन प्रदान किया जाएगा।