Thursday, 23 March 2023

 

 

खास खबरें मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन विधान सभा की तरफ से हिमाचल प्रदेश सरकार के जल विद्युत प्रोजेक्टों पर वाटर सैस लगाने के फ़ैसले की निंदा बठिंडा शहर में 88.94 करोड़ की लागत से बनाए जाएंगे दो रेलवे ओवर ब्रिज: हरभजन सिंह ई.टी.ओ. स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए पेड़ लगाएं और पानी बचाएं- जिलाधीश कोमल मित्तल जल के उपयोग में अपने व्यवहार में लाएं आवश्यक बदलाव: सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब विधान सभा की तरफ से हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के तौर पर रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास 'सावी की सवारी' की कास्ट से जुड़े ऋषि सक्सेना जी-20 अध्यक्षता के तहत भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में क्षेत्रीय विभाजन को कम करना : नरेंद्र मोदी आबकारी नीति घोटाला: 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में मनीष सिसोदिया 'केडी' के जरिए शिल्पा शेट्टी की कन्नड़ फिल्मों में वापसी वरुण धवन, जाह्नवी कपूर स्टारर 'बवाल' 6 अक्टूबर को होगी रिलीज आईपीएल 2023: कीरोन पोलार्ड ने मुम्बई इंडियंस के साथ अपना बल्लेबाजी कोच रोल शुरू किया व्हाट्सऐप का नया अपडेट एडमिन को देगा और अधिक नियंत्रण रसिका दुगल 'दिल्ली क्राइम' सीजन 3 में नीति सिंह की भूमिका निभाने को तैयार गुल पनाग ने फीनिक्स मार्केटसिटी के पावर वूमेंस फिएस्टा का किया उद्घाटन दिल्ली बजट : बुनियादी ढांचे और स्वच्छता पर फोकस, स्थानीय निकायों को 8,241 करोड़ गुड़ी पड़वा के लिए मुग्धा चापेकर ने साझा की योजनाएं 'टाइगर 3' में सलमान-शाहरुख के एक्शन सीन के लिए बनेगा बड़ा सेट जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटकों से सुरक्षित विजय-स्टारर 'लियो' की टीम गूगल ने अपने एआई चैटबॉट बार्ड के लिए अर्ली एक्सेस लॉन्च किया विदेश व्यापार में युआन पर स्विच करने को तैयार रूस : व्लादिमीर पुतिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंप से 12 की मौत

 

आजम के बहाने मुस्लिमों पर दांव खेलने में लगी मायावती!

Mayawati, Lucknow, Uttar Pradesh, BSP, Bahujan Samaj Party

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

लखनऊ , 13 May 2022

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक बार फिर आजम खान के बहाने मुस्लिम वोटों को अपनी ओर लुभाने का दांव चलना शुरू कर दिया है। सपा के वरिष्ठ नेता जेल में बंद आजम खान का पक्ष लेकर उन्होंने मिशन 2024 को साधने का प्रयास किया है। वह दलित और मुस्लिम एका बनाने की कोशिश में लगी हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों को 89 टिकट देने के बावजूद भी उनको सफलता नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने तुरंत बाद ही मुस्लिमों को लेकर ट्वीट और बयानबाजी शुरू कर दी है। उनको लगता है कि अगर 2024 में दलित की तरह मुस्लिम भी उनके पाले में आ जाएं तो वह अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो सकती हैं। इन दिनों आजम खान सपा से नाराज चल रहे हैं। आजम के समर्थकों ने खुले मंच से सपा का विरोध किया है। हलांकि अभी तक आजम के परिवार से नाराजगी की कोई बात निकल कर सामने नहीं आयी है। लेकिन आजम का सपा के विधायक से न मिलना इस ओर इशारा करता है। ऐसे में बसपा मुखिया कोई भी दांव खाली नहीं छोड़ना चाहती है। 

बसपा के एक बड़े नेता ने बताया कि अपने खोए जनाधार को पाने के लिए दलित और मुस्लिम को एक करना बहुत जरूरी है। इन दिनों बसपा में कोई बड़ा नेता बचा नहीं है। आजम खान मुस्लिमों के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उनके साथ अन्याय भी हो रहा है। सपा को जिस तरह उनका साथ देना चाहिए। वह नहीं दे रही हैं। क्योंकि वह अपने परिवार के झगड़े निपटाने में लगे है। बसपा में नसीमुद्दीन चेहरा होते थे। लेकिन इन दिनों वह कांग्रेस में हैं। मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन वह कुछ कर नहीं सके। आजम पुराने नेता हैं उनके साथ मुस्लिमों के अलावा सहानुभूति का भी वोट है। इसलिए ट्वीट के जरिए मायावती ने उनका पक्ष लेकर बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है। मायावती ने ट्वीट में कहा कि "यूपी सरकार अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण व आतंकित कार्यवाही करती है। वरिष्ठ नेता आजम खान करीब सवा दो साल से जेल में बंद हैं। यह लोगों की नजरों में न्याय का गला घोटना नहीं तो क्या है।"मायावती ने मुस्लिमों को अपने पाले में लाने के लिए यह कोई पहला संदेश नहीं दिया है। वह विधानसभा में हार के बाद उन्हें आगाह किया। इसके बाद से उनके प्रति सहानुभूति भी दिखाने में वह पीछे नहीं हट रही हैं। क्योंकि 2007 की सरकार बनाने में दलितों की तरह मुस्लिमों ने भी खुलकर साथ दिया था। 

इसीलिए बसपा इस फिराक में है कि किसी तरीके से सपा में गए मुस्लिम समुदाय के वोटरों का बड़ा हिस्सा उनके साथ जुड़ जाए, तो उनका खेल ठीक हो जाएगा। करीब तीन दशकों से यूपी की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि आजम खान और बसपा मुखिया के बीच कभी सहज रिश्ते नहीं रहे। अपनी-अपनी सरकारों में दोनों एक दूसरे पर कटाक्ष करने में पीछे नहीं रहे हैं। माया जानती हैं कि आजम सपा के संस्थापक सदस्यों में एक हैं। उनके बसपा में आने के चांस कम है। दोंनों के बीच में कोई संवाद नहीं रहा है। पिछले कुछ सालों से मायावती ने जिस प्रकार से अपने परंपरागत वोट खोया है, चाहे दलितों का हो या मुस्लिमों का। इस कारण अपने वोट बैंक को बचाने में लग गयी हैं। मुस्लिमों को चेहरे के प्रति सहानुभूति दिखा रही है। इसलिए आजम के सहारे संदेश देने का प्रयास कर रही हैं। वह इस समुदाय के प्रति संवेदना दिखा रही हैं। आजम सपा से अलग होते हैं तो वह अपनी राजनीतिक संभावना तलाश सकती है। वह चाहती है कि सपा किसी न किसी तरह कमजोर हों जिसका फायदा वह ले सकें।

 

Tags: Mayawati , Lucknow , Uttar Pradesh , BSP , Bahujan Samaj Party

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD