भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' को समर्पित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं ने 8वें कॉर्पोरेट एडवाइजरी बोर्ड (सीएबी-2022) सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें केंद्रीय सूचना और प्रसारण और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों और नई शिक्षा नीति 2020 की उपलब्धियों और संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने हेतु आयोजित कैब समिट-2022 में देश की 75 विभिन्न कंपनियों के कॉरपोरेट लीडर्स और थिंक-टैंक्स शामिल हुए। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नए भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के मिशन के मद्देनजर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा 8वें कॉर्पोरेट एडवाइजरी बोर्ड समिट की मेजबानी की गई। कैब समिट को संबोधित करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दुनिया ने भारतीयों की नेतृत्व क्षमता को पहचाना है। मुझे विश्वास है कि कॉर्पोरेट एडवाइजरी बोर्ड आपके नेटवर्क, रिसर्च और इनोवेशन के साथ स्थायी परिवर्तन के रूप में आत्मनिर्भर भारत के लिए एक बड़ी ताकत के रूप में उभरेगा। इस मौके पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू, प्रो-चांसलर डॉ. आरएस बावा और यूनिवर्सिटी की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रो. हिमानी सूद विशेष तौर पर मौजूद रहीं।
कैब समिट को संबोधित करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने यूनिवर्सिटी के इस प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बहुत कम विश्वविद्यालय इस तरह की पहलें करती हैं। उन्होंने कहा कि 34 वर्षों के अंतराल के बाद देश को एक नई शिक्षा नीति मिली है, जिसमें शिक्षा और टेक्नोलॉजी के सुमेल ने भारत में शिक्षा का परिदृष्य बदल दिया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति न्यू एज लर्निंग के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें अंग्रेजी, एक्सप्लोर, एक्सपीरियंस, एक्सप्रेस और एक्सेल जैसे पहलू शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के सार्थक परिणाम सामने आए हैं, क्योंकि भारत ने वैश्विक छात्र गतिशीलता बाजार में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 164 देशों के 50,000 से अधिक छात्र भारतीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न कोर्सों के तहत पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में शिक्षा बजट में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने दावा किया कि इस साल का बजट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वैश्वीकरण, स्किल डिवेल्पमेंट, शहरी नियोजन और डिजाइन, अंतर्राष्ट्रीयकरण और एनीमेशन, वीजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि 2019-2020 के दौरान उच्च शिक्षा में कुल नामांकन अनुपात में 27.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रगति को दर्शाता है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इंडस्ट्री, शैक्षणिक संस्थानों और सरकार को एक मंच पर लाने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की सराहना की। उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति तेजी से विकसित हुई है और उपरोक्त तीन साझेदार वैश्वीकरण के भविष्य को नया रूप देने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि 'प्रकृति का सम्मान हमारी मूल प्रणाली का एक अभिन्न अंग है।' उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने लंबे इतिहास, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की परंपरा के आधार पर दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में एक स्पष्ट कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य समानता, भागीदारी और क्लाइमेट जस्टिस की दिशा में भारत सरकार की पहल की पुष्टि करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सतत विकास के बिना देश का चौतरफा विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मानसिकता को लाभकारी और गैर-लाभकारी पहलों से स्थायी विकास लक्ष्यों की ओर परिवर्तनकारी, उद्देश्यपूर्ण पहलों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा बुलाई गई कॉरपोरेट एडवाइजरी बोर्ड के सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों और नई शिक्षा नीति 2020 की उपलब्धियों और संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने हमेशा विभिन्न पहलों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया है और इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए कॉर्पोरेट एडवाइज़री बोर्ड का सम्मेलन सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक अहम कदम है, जिसमें उद्योग और शैक्षणिक संस्थान इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक नए रोडमैप पर विचार करने के लिए एक साथ आए हैं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, राष्ट्र निर्माण में अपने दायित्वों को समझते हुए डिप्लोमैटिक कॉन्क्लेव, अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाने तथा न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर चर्चा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के न्यू इंडिया के दृष्टिकोण तथा यूएन एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। यह अपनी तरह की पहली कोरपोरेट एडवाइजरी बोर्ड है, जहां कोरपोरेट सैक्टर के दिग्गजों को एक मंच पर लाया गया है तथा उन्हें अकादमिक क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ संयुक्त मंच पर लाकर भविष्य के मॉडल तैयार करने में मदद कर रही है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी पिछले 8 साल से कैब शिखर सम्मेलन आयोजित करवा रही है, जिसके परिणामस्वरूप कोरपोरेट या इंडस्ट्री में यूनिवर्सिटी के छात्रों की स्वीकृति व मांग बढ़ गई है।
इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायरा एक डिग्री प्रदान करने वाले संस्थान तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, राष्ट्र निर्माण में प्रशासन का सहयोग तथा और प्रतिभाशाली युवाओं को प्रशिक्षित करना भी हमारी मुख्य जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत तरक्की कर रहा है, लेकिन इन लक्ष्यों को समय पर पूरा करना चाहते हैं, तो यूनिवर्सिटी और नौजवानों का सहयोग बहुत अहम रोल निभाएगा। उन्होंने कहा चूंकि सरकार नई नीतियों का मसौदा तैयार करने के लिए जिम्मेदार है, इसलिए इस शिखर सम्मेलन में इंडस्ट्री, शैक्षणिक संस्थान सहित प्रशासन को एक मंच पर लाया गया है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी देश के उन विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसने नई शिक्षा नीति को काफी हद तक लागू कर दिया है। स. सतनाम सिंह संधू ने कहा कि विश्व शांति और समृद्धि, गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान और भविष्य के सतत विकास लक्ष्य सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उद्योग, शिक्षण संस्थानों और सरकार को एक दिशा में ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समय चाहिए। उन्होंने कहा कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी योगदान दें।