शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज राज्य के पुलिस प्रमुख के रूप में कार्य करते हुए आपराधियों से आदेश लेने के लिए डी.जी.पी एस. चटटोपध्याय के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है।अकाली दल अध्यक्ष मोहाली के उम्मीदवार परमिंदर सिंह सोहाना के प्रचार अभियान के दौरान एक दैनिक अखबार में किए गए एक खुलासे का जिक्र कर रहे थे। उन्होने कहा कि एक टेप सामने आया है, जिसमें डीजीपी, भोला ड्रग्स मामले में एक भगोड़े से बात कर रहे हैं। इस बातचीत के दौरान पुलिस अधिकारी ने डी.जी.पी को कुछ पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग , कुख्यात कैदियों को एक जेल से दूसरे जेल में शिफ्ट करने और मोहाली में अवैध डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश दिए। यह कहते हुए कि एस. चटटोपध्याय के ड्रग तस्कर जगदीश भोला के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध अब सबके सामने आ गए हैं, कहते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट हो गया है कि यह पुलिस अधिकारी ड्रग तस्करों के साथ साथ दागी पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा था। उसके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
सरदार बादल ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने चटटोपध्याय को राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए हद से भी बाहर गए, जबकि वह इस इस पद पर रहने के योग्य भी नही था। ‘‘ चन्नी भी इस अवैध गतिविधियों में शामिल है, जो उसके भांजे के घर से भारी मात्रा में नकदी और सोने की बरामदगी से भी साबित होता है। यह भी साफ है कि उन्हे चटटोपध्याय के मामलों के बारे में जानकारी थी और उनके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।सरदार बादल ने यह भी सवाल किया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू एक अधिकारी के खिलाफ सबूत मिलने के बावजूद भी चुप क्यों हैं,जिसे उन्होने व्यक्तिगत रूप से चुना था ताकि शीर्ष अकाली लीडर के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जाएं। ‘‘ सिद्धू को यह बताना चाहिए कि उन्होने एक अधिकारी को अनुमति क्यों दी जो पहले भी राज्य पुलिस का नेतृत्व करने के लिए अपने व्यक्तिगत बदलाखोरी पूरे करने के लिए जाना जाता था और वे चटटोपध्याय की अवैध गतिविधियों के बारे में चुप्पी क्यों साधे रहे’’।अकाली दल अध्यक्ष ने सार्वजनिक क्षेत्र में आई टेप रिकॉर्डिंग की निष्पक्ष जांच की मांग की। ‘‘ इस मामले में क्षेत्र में नशीली दवाओं के व्यापार दूरगामी परिणाम हैं। डीजीपी और उनके राजनीतिक आकाओं के अलावा कई अन्य भी हैं जो इन नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल हैं। उनकी भी पहचान कर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और गहन जांच के बाद सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए’’।