पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूपी), बठिंडा में कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में एक विशेष अंत:क्रिया सत्र का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव अहूजा ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शिक्षकों को सहयोग एवं नवाचार के माध्यम से उच्च गुणवत्तायुक्त अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया।अपने संबोधन के दौरान, प्रो. राजीव अहूजा ने उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन में अपने शिक्षण और अनुसंधान संबंधी अनुभव साझा करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय 'नवाचार और सहयोग' के मॉडल पर कार्य करता है जिसे नवीन अनुसंधान करने हेतु भारतीय वैज्ञानिकों को भी अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमीनी समस्याओं को हल करने हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से कम लागत वाले स्वदेशी समाधान विकसित करने की आवश्यकता है जो कि आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने में सहयोगी होगा।प्रो. अहुजा के अनुसार हमारे देश के वैज्ञानिकों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्य करने की क्षमता है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान आउटपुट को बढ़ाने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों को सहयोगी असाइनमेंट, नए शोध आयामों और अनुसंधान-आधारित समाधानों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने कहा कि यद्यपि एनईपी 2020 में प्रस्तुत छात्र-केंद्रित शिक्षण पद्धति, युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव का विकास जैसे परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों ने शोधार्थियों को बहु-विषयक अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित किया है। लेकिन इन सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु शिक्षकों को अपने छात्रों और शोधार्थियों को नए विषयों पर शोध करने तथा अन्य विषयों के शोधार्थियों के साथ संयुक्त रूप से शोध कार्य करने की स्वतंत्रता प्रदान करनी होगी।प्रो. अहूजा ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों और वैज्ञानिकों की सराहना की। उन्होंने सीयूपी बठिंडा के वैज्ञानिकों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम सें नए जमाने के अभिनव समाधान विकसित करने हेतु आईआईटी रोपड़ के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध कार्य करने के लिए आह्वान किया।कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणात्मक अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रो. अहूजा के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने देश को ज्ञान की राजधानी बनाने और एक नई शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ावा देने हेतु पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के अंतर्गत सहयोग संभावनाओं पर कार्य करने के लिए विभिन्न विषयों के वैज्ञानिकों की टीम का गठन करने की घोषणा की।इस अवसर पर डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका, डीन छात्र कल्याण प्रो. वी.के. गर्ग, डीन रिसर्च प्रो. अंजना मुंशी, विज्ञान विभागों के विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित थे।