शिरोमणी अकाल दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल के साथ साथ वरिष्ठ लीडरशीप के नेतृत्व को आज यहां चंडीगढ़ में गिरफ्तार कर दिया गया जब वे भारत माला प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न सड़क प्रोजेक्टों के लिए किसानों को उनकी जमीनों का उचित मुआजवा न दिए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री आवाज तक विरोध मार्च कर रहे थे।इससे पहल हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं नें यहां गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्र हुए जहां से उन्हाने पैदल तथा ट्रैक्टरों पर मार्च शुरू किया। विरोध मार्च को चंडीगढ़ सीमा के पास रोक दिया गया, जहां किसानों को उचित मुआवजा न दिए जाने के आंदोलन की अगुवाई कर रही सड़क संघर्ष कमेटी के नेताओं ने शिरोमणी अकाली दल ने गिरफ्तार करने से पहले धरना दिया।
इस अवसर पर शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने उन दो लाख से अधिक किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने पर रोक लगा दी है ,जिनकी 25हजार एकड़ जमीन राज्य के उन्नीस जिलों में एक्वायर की जा रही है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार उन्हे 30 लाख से 70 लाख का नामात्र मुआवजा देकर खानापूर्ति कर रही है, जबकि उन्हे दो करोड़ से तीन करोड़ रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिलना चाहिए था।सरदार बादल ने कहा कि 25 हजार एकड़ जमीन के अधिग्रहण के अलावा 75 हजार एकड़ जमीन बेकार हो गई , क्योंकि पैसे तथा न पहुंच होने के कारण सिंचांई सुविधाओं का अभाव था। उन्होने यह भी खुलासा किया कि 3000 से अधिक घरों को गिरा दिया जाएगा तथा गांवों के 100 तालाब समाप्त हो जाएंगें। इसमें कहा गया है कि प्रोजेक्ट के तहत एक करोड़ पेड़ काटे जाएंगें और सैंकड़ों कारखाने, शैलर, पोल्ट्री किसान, ईंट, भटठे और डेयरी फार्म तबाह हो जाएंगें। उन्होने कहा कि किसानों को जल स्रोतों और टयूबवैलों का भी नुकसान होगा। उन्होने कहा कि पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल के नेतृत्व वाली सरकर ने किसानों को न केवल करोड़ों रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया था, बल्कि उन्हे मुफ्त टयूबवेल के साथ साथ जमीन की रजिस्ट्री की सुविधा मुफ्त कराने की सुविधा भी दी थी।
उन्होने राज्य में शिरोमणी अकाली दल की सरकार बनने के बाद किसानों को उचित मुआवाज देने का आश्वासन दिया।पंजाब के मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि ‘‘ कांग्रेस पार्टी को लोगों की समस्याओं में जरा भी दिलचस्पी नही है, वे सिर्फ शीर्ष पद के लिए लड़ाइ लड़ रहे हैं। एक व्यक्ति मुख्यमंत्री बनना चाहता था, लेकिन दूसरे को यह पद मिल गया। एक नेता चाहता था कि मुख्यमंत्री उसकी कठपुतली बने, लेकिन बाद में जब ऐसा नही हुआ तो उन्होने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। पंजाब को इस तरह से नही चलाया जा सकता। यह सीमावर्ती राज्य है। हमें ऐसे नेता की आवश्यकता है जो एकता के लिए काम करे। एक व्यक्ति जो शांति और साम्प्रदायिक सदभाव सुनिश्चित कर सकता है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हम सब सरेआम देख रहे हैं कि सत्ता की लूट मची हुई है’’।सरदार बादल ने चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के विरोधाभास के बारे में भी बताया । उन्होने कहा कि नए मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि माफियाओं से जुड़ा कोई भी व्यक्ति उनके पास नही आना चाहिए, बल्कि एक विधायक सहित दागी लोगों को उन्होने चुना है, एक जिस पर बलात्कार का आरोप था और साथ ही अन्य जिसे फरीदकोट स्थित परिवा की हत्या के मामले में नामजद किया गया था।इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत आ रही सड़कों के प्रोजेक्ट का उददेश्यक प्रमुख बड़े शहरों में दूरिया घटाकर कारपोरेट जगत के सामान को सुगम बनाना तथ तेज रफ्तार करने के लिए किया जा रहा है तथा उन्हे कौड़ियों के दाम दिए जा रहे हैं।वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने मांग की कि जमीन एक्वायर करने की प्रक्रिया तुरंत रोकी जानी चाहिए तथा इस जमीन की कीमत 2 से तीन करोड़ प्रति एकड़ मिलनी सुनिश्चित करने के लिए नियम तयर करने के बाद दोबारा से शुरू की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि यदि किसानों को उनकी जमीन का सही मूल्य मिल गया तो फिर राज्य के अर्थव्यवस्था में 75 हजार करोड़ रूपया आ जाएगा।इस अवसर पर श्री एन.के शर्मा ने कहा कि अकाली दल किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगा। संघर्ष कमेटी के मैंबरों हरमनप्रीत सिंह तथा गुरदयाल सिंह ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।इस अवसर पर अन्य के अलावा डा. दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबड़िया, सुरजीत सिंह रखड़ा, बलदेव सिंह मान, इकबाल सिंह झूंदा, रंजीत सिंह गिल, जगदीप चीमा, गुरप्रीत सिंह राजूखन्ना, हरिदंरपाल सिंह चंदूमाजरा, परमबंस सिंह रोमाणा तथा रोबिन बराड़ भी मौजूद थे।