ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को केंद्र सरकार से अपने राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विकास प्रस्तावों पर विचार करने का अनुरोध किया। वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) की स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए उन्होंने कहा, "राज्य सरकार की प्रतिबद्धता हमारी सक्रिय सुरक्षा रणनीति के साथ निरंतर और संयुक्त रूप से जारी रहेगी। इस मुद्दे के समाधान के लिए जनजातीय क्षेत्रों का समग्र विकास जरूरी है।" उन्होंने अनुरोध किया कि जैपोर से मोटू तक मलकानगिरि के रास्ते फोर-लेन एनएच 326 के प्रस्ताव पर विचार किया जाए, क्योंकि यह पूर्वी भारत, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों से दक्षिण, विशेष रूप से बेंगलुरु और हैदराबाद में यातायात के लिए एक समानांतर सड़क प्रदान करेगा। यह गलियारा, यात्रा के समय को पर्याप्त रूप से कम करने के अलावा, इस क्षेत्र को भारी आर्थिक प्रोत्साहन भी देगा।
पटनायक ने यह भी बताया कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिले रेलवे नेटवर्क का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा, "रेल मंत्रालय और ओडिशा सरकार लागत साझा कर पहले से ही दो मार्गो - जेपोर से नवरंगपुर और जेपोर से मलकानगिरी तक का निर्माण कर रही है। मलकानगिरि से भद्राचलम मार्ग की लंबाई 153 किमी और नवरंगपुर से जूनागढ़ की लंबाई 118 किमी है। रेलवे के इस व्यवहार्य वैकल्पिक मार्ग का इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर भारी प्रभाव पड़ेगा।"उन्होंने केंद्र सरकार से दक्षिणी और पश्चिमी ओडिशा के क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विचार करने का भी अनुरोध किया। पटनायक ने कहा, "ओडिशा में बिना किसी मोबाइल एक्सेस या कनेक्टिविटी के 6,278 गांव हैं, जो देश में सबसे बड़ी संख्या है। हम हाल ही में ओडिशा के लिए 488 मोबाइल टावरों को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं। लेकिन अन्य अछूते गांवों को कवरेज प्रदान करने के लिए अनुमानित 2,000 और मोबाइल बेस स्टेशनों की आवश्यकता होगी।"
यह देखते हुए कि अधिकांश आंतरिक क्षेत्र बैंकिंग, शिक्षा और सभी सरकारी सेवाओं के वितरण के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी और मोबाइल इंटरनेट पर निर्भर हैं, उन्होंने कहा, "आज, बुनियादी जरूरत, इसलिए, सभी स्थानों पर 4 जी मोबाइल बेस स्टेशनों की है। इसलिए पहले बनाए गए 2जी बेस स्टेशनों को भी अपग्रेड करने की जरूरत है।" उन्होंने केंद्र सरकार से राज्यों के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में एक वर्ष या उससे अधिक की विशिष्ट समय सीमा के भीतर बैंक स्थापित करने के लिए त्वरित कदम उठाने का भी आग्रह किया। पटनायक ने कहा, "हम इन क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं बनाने में सफल नहीं हुए हैं। राज्य सरकार बैंक शाखाएं स्थापित करने के लिए भूमि, भवन आदि नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी।" उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि गृह मंत्रालय को इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि देश भर के इन वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के कितने बच्चे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं जैसे नीट, आईआईटी-जेईई और अन्य में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा, "अगर हमारी प्रणाली इन क्षेत्रों को दरकिनार करती रही, तो इससे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मदद नहीं मिलेगी।"