पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 'कोरोना महामारी काल में नवाचार: वैश्विक गुरु के रूप में भारत की भूमिका' विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। सीयूपीबी में आईआईसी और एनएसएस के द्वारा कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में इस कार्यक्रम का संचालन किया गया। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। डॉ. अनसूया रॉय, संस्थापक और सीईओ, नैनोसेफ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड विशेष वक्ता के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुई।कार्यक्रम के आरम्भ में, डीन इंचार्ज अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका ने औपचारिक अभिनंदन करते हुए मुख्य वक्ता का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि प्रो. कोटेचा एक भारतीय आयुर्वेद चिकित्सक हैं, जिन्होंने 2015 में मेडिसिन के लिए पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त किया। डॉ. सब्यसाची सेनापति और डॉ. प्रीती खेतरपाल ने कार्यक्रम की विषय पर प्रकाश डाला।अपने संबोधन में श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, ने कोविड -19 के दौरान आयुष मंत्रालय की पहल के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद वह विज्ञान है जो शरीर, मन, इंद्रियों और आत्मा का एक संयोजन है, इसलिए सामूहिक रूप से इसे जीवन कहा जाता है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद को चार प्रकार में विभाजित किया गया है: हितायु, अहितायु, सुखायु, दुखायु जो स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण कुंजी हैं।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आयुर्वेद सुखायु और हितैयु प्रदान करने में विश्वास करता है। उन्होंने कोविड -19 के दौरान आयुष मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर चर्चा की, जिसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम, महत्वपूर्ण मूल्यांकन के लिए नए अंतःविषय अनुसंधान सहयोग स्थापित करना और और विभिन्न जड़ी-बूटियों का प्रतिरक्षा-न्यूनाधिक के रूप में प्रचार शामिल है।उसके उपरांत विशेष वक्ता, डॉ. अनसूया राय ने "कोविड -19 महामारी के खिलाफ एक हथियार के रूप में यूनिवर्सल मास्किंग और इसकी भूमिका" विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने "नैनोसेफ सॉल्यूशंस" के लॉन्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने कोरोना काल के दौरान एक रोगाणुरोधी और धोने योग्य "एनसेफ़" फेस मास्क लॉन्च किया है। साथ ही उन्होंने 'रूबसेफ़ सैनिटाइज़र' के बारे में भी जानकारी साझा की जो 24 घंटों के लिए प्रभावी है और बच्चे की त्वचा पर लगाने के लिए सुरक्षित है।इसके उपरांत प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी, कुलपति, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय , ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम के विषय पर अपने विचार साझा करने के लिए मुख्य वक्ता और विशेष वक्ता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मनुष्य का स्वास्थ्य हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य पर निर्भर है और सतत विकास लक्ष्य को अपनाकर स्वच्छ वातावरण विकसित करने के सर्वोत्तम प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की स्थिति ने इस बात की पुन पुष्टि की है कि हमारी भारतीय आहार परंपराएं हमें बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं और विभिन्न मौसमों में हमें स्वस्थ रखती हैं।अंत में आईआईसी अध्यक्ष और एनएसएस समन्वयक डॉ. मोनिशा धीमान ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। सीयूपीबी संकाय, कर्मचारी, शोधार्थी और छात्र आभासी पटल के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।