भाजपा के घोषित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर के बाद भी यहां के मतदाता भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता लोकसभा में हैट्रिक बनाने वाले पूर्व सासंद रामचन्द्र बैंदा चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। पार्टी का ग्रास रूठ कार्यकर्ता भी भाजपा उम्मीदवार से पूरी तरह नहीं जुड पाया है। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में जाटों के सर्वाधिक वोट हैं। जाटों के दम पर भाजपा उम्मीदवार रामचन्द्र बैंदा ने 3 बार जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार जाटों की जमकर उपेक्षा की जा रही है। भाजपा में जाटों की उपेक्षा के चलते जाट मतदाता का रूझान इनेलो और कांग्रेस की तरफ बना हुआ है। जिसका नुकसान भाजपा को हो रहा है। भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल केवल तिगांव विधानसभा क्षेत्र तक सीमित हैं। लोकसभा के अन्य 8 विधानसभा क्षेत्रों में उनका कोई जनाधार नहीं है। भाजपा की टिकट चाहने वाले यशबीर सिंह डागर, मनधीर सिंह मान, आईएएस अधिकारी रहे जयप्रकाश सांगवान सरीखे जाट नेता न केवल भाजपा उम्मीदवार से दूरी बनाए हुए हैं बल्कि चुप्पी भी साधे हुए हैं। ऐसे में भाजपा उम्मीदवार का चुनाव प्रचार भी जोर नहीं पकड पाया है।