Thursday, 23 March 2023

 

 

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नीति आयोग ने भारत नवाचार सूचकांक का दूसरा संस्करण जारी किया

Web Admin

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5 Dariya News

नई दिल्ली , 20 Jan 2021

नीति आयोग ने आज एक आभासी कार्यक्रम में भारत नवाचार सूचकांक का दूसरा संस्करण जारी किया। रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की नवाचार क्षमताओं और प्रदर्शन की जांच की गई है। सूचकांक का पहला संस्करण अक्टूबर 2019 में जारी किया गया था।भारत नवाचार सूचकांक 2020 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सदस्य (कृषि) डॉ. रमेश चंद, सीईओ अमिताभ कांत, सलाहकार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) नीरज सिन्हा और प्रतिस्पर्धा के लिए संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अमित कपूर की उपस्थिति में जारी किया।इस आयोजन में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. शेखर सी मांडे, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एमएन राजीवन, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खारोला और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन के सचिव डॉ. क्षत्रपति शिवाजी व अन्य लोगों ने भाग लिया।दूसरे संस्करण में भी, सूचकांक ने पाया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धा का स्तर उच्च था, जो कि उन्हें सक्षम करने वाले कारकों के वर्ष दर वर्ष लगातार सुधार के साथ-साथ नवाचार प्रदर्शन के लिए आवश्यक है।‘प्रमुख राज्यों’ की श्रेणी में कर्नाटक ने शीर्ष स्थान पर कब्जा बनाए रखा, जबकि तमिलनाडु को पीछे छोड़कर महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर पहुंच गया। तेलंगाना, केरल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब क्रम से शीर्ष दस में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा। कर्नाटक ने यह उपलब्धि उद्यम पूंजी सौदों, पंजीकृत भौगोलिक संकेतकों और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी के निर्यात में बहुतायत के कारण मिली। कर्नाटक के उच्च विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) ने राज्य की नवाचार क्षमताओं को भी बढ़ाया है। चार दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल ने इस साल ‘प्रमुख राज्यों’ की श्रेणी के तहत शीर्ष पांच स्थानों में अपनी जगह बनाई।कुल मिलाकर, दिल्ली ने अपनी पहली रैंक बरकरार रखी, जबकि चंडीगढ़ ने 2019 के बाद एक बड़ी छलांग लगाई और इस साल दूसरे स्थान पर आ गया। ‘नॉर्थ-ईस्टर्न / हिल स्टेट्स’ श्रेणी के तहत हिमाचल प्रदेश इस वर्ष दूसरे स्थान से उछाल मारकर शीर्ष रैंक पाने में कामयाब रहा, जबकि 2019 में इस श्रेणी में शीर्ष स्थान पाने वाला सिक्किम चौथे स्थान पर खिसक गया।

नवाचार इनपुट को पांच समर्थक मापदंडों और आउटपुट को दो प्रदर्शन मापदंडों के माध्यम से मापा गया। ‘ह्यूमन कैपिटल’, ‘इन्वेस्टमेंट’, ‘नॉलेज वर्कर्स ’,“बिजनेस एनवायरनमेंट ’,“सेफ्टी एंड लीगल एनवायरनमेंट ’की पहचान समर्थक मापदंडों के रूप में की गई थी, वहीं, ‘नॉलेज आउटपुट’ और ‘नॉलेज डिफ्यूजन’ को प्रदर्शन मापदंडों के रूप में चुना गया था।आयोजन के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, भारत नवाचार सूचकांक नवाचार इकोसिस्टम में विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल बनाएगा, जिससे भारत प्रतिस्पर्धी सुशासन में स्थानांतरित करने में सक्षम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश में नवाचार के माहौल को बेहतर बनाने के लिए यह सूचकांक एक शानदार शुरुआत है। यह भारत को दुनिया का नवाचार अगुआ बनाने की दिशा में सही कदम है।नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, भारत नवाचार सूचकांक राज्यों के नवाचार परिणामों को मापने और राष्ट्रीय और राज्य तंत्र के इष्टतम उपयोग को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक प्रमुख कदम है, जिससे आत्म निर्भर भारत के लक्षय को हासिल किया जा सके।नीति आयोग के सलाहकार नीरज सिन्हा ने कहा, यह सूचकांक अपने नवाचार प्रदर्शन की पहचान करने और अपनी अद्वितीय शक्तियों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक नीति हस्तक्षेप शुरू करने के लिए राज्यों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।प्रतिस्पर्धा के लिए संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अमित कपूर ने कहा, यह सूचकांक केंद्र और राज्य सरकारों को नवाचार के संबंध में क्षेत्रीय प्रदर्शन को बेंचमार्क करने में मदद कर सकता है और इसे बेहतर बनाने और बढ़ाने के लिए नीतिगत अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।भारत नवाचार सूचकांक का उद्देश्य भारत के नवाचार माहौल के निरंतर मूल्यांकन के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करना है। सूचकांक का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके अंकों के आधार पर रैंक करना, अवसरों और चुनौतियों को पहचानना और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों को तैयार करने में सहायता करना है।नीति आयोग, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच ‘प्रतिस्पर्धी संघवाद’ को बढ़ावा देने के अपने जनादेश के साथ, राष्ट्र के नवोन्मेषी परिणामों को उत्प्रेरित करने में भारत नवाचार सूचकांक का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

Tags: NITI Aayog , Amitabh Kant , Dr Rajiv Kumar

 

 

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