राजस्थान के बाड़मेर से टिकट न मिलने से नाराज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं। यह जानकारी उनके करीबी सूत्रों ने शनिवार को दी।सूत्रों ने कहा कि वह कुछ दिनों में बाड़मेर पहुंचेंगे और नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले स्थानीय समर्थकों की राय लेंगे।सूत्रों का कहना है कि अगर उनके समर्थकों ने हामी भर दी तो वह चुनाव लड़ेंगे।जसवंत मौजूदा लोकसभा में दार्जिलिंग से सांसद हैं।वह इस बार बाड़मेर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने कर्नल सोनाराम को टिकट दे दिया, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए हैं।जसवंत को टिकट न दिए जाने पर पार्टी के कुछ नेताओं ने कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद उनके बेटे मानवेंद्र सिंह के घर शुक्रवार रात बैठक आयोजित की गई।
बाड़मेर में उनके समर्थक उनके निर्दलीय खड़ा होने को लेकर रणनीति बना रहे हैं। कुछ कार्यकर्ताओं ने हालांकि विरोध स्वरूप रैली की है और उन्हें टिकट न मिलने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जिम्मेदार मानते हुए उनका पुतला जलाया है। अगर जसवंत ने चुनाव लड़ने का मन बनाया, तो वह सोनाराम के वोट को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि बाड़मेर में 1.5 लाख राजपूत मतदाता हैं। राजनीतिक विश्लेषक विजय शर्मा कहते हैं, "उनका अन्य जाति के मतदाताओं पर भी प्रभाव है, इसलिए जसवंत भाजपा उम्मीदवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे।"राज्य की 25 संसदीय सीटों के लिए 17 और 24 अप्रैल को मतदान कराए जाएंगे।