Saturday, 30 September 2023

 

 

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भारत का टैलेंट भारत में रहकर विकास करे, ऐसी नई शिक्षा नीति की कोशिश: नरेंद्र मोदी

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5 Dariya News

नई दिल्ली , 07 Aug 2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जड़ से जग तक, मनुज से मानवता तक, अतीत से आधुनिकता तक, जैसे सभी बिंदुओं पर फोकस करने वाला बताया है। उन्होने कहा, "अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें व्हाट टू थिंक पर फोकस रहा है, जबकि शिक्षा नीति में हाउ टू थिंक पर बल दिया जा रहा है।"राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर शुक्रवार को आयोजित इस वर्चुअल सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन डॉ. के कस्तूरीरंगन, विश्वविद्यालयों के कुलपति, संस्थानों के निदेशक और कॉलेजों के प्राचार्यों ने हिस्सा लिया।प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि एक प्रयास ये भी है कि भारत का जो टेलेंट है, वो भारत में ही रहकर आने वाली पीढ़ियों का विकास करे।मोदी ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति में टीचर ट्रेनिंग पर बहुत जोर है, वो अपनी स्किल्स लगातार अपडेट करते रहें, इस पर बहुत जोर है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने के लिए हम सभी को एकसाथ संकल्पबद्ध होकर काम करना है।"प्रधानमंत्री ने कहा, "यहां से विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल एजूकेशन बोर्ड, अलग-अलग राज्य, अलग-अलग हितधारकों के साथ संवाद और समन्वय का नया दौर शुरू होने वाला है। शिक्षा व्यवस्था में बदलाव, देश को अच्छे विद्यार्थी, अच्छे प्रोफेशनल्स और उत्तम नागरिक देने का बहुत बड़ा माध्यम आप सभी टीचर्स ही हैं, प्रोफेसर्स ही हैं। इसलिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की गरिमा का भी विशेष ध्यान रखा गया है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा व्यवस्था में भाषा के मुद्दे पर कहा, इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। ये एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से जहां तक संभव हो, पांचवीं कक्षा तक, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति दी गई है।मोदी ने कहा, आज जिस दौर में हम हैं, वहां इंफार्मेशन और कंटेंट की कोई कमी नहीं है। अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए इंक्वायरी(पूछताछ), डिस्कवरी(खोज) और एनालिसिस(विश्लेषण) आधारित तरीकों पर जोर दिया जाए।इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनकी सहभागिता बढ़ेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि हर विद्यार्थी को ये अवसर मिलना ही चाहिए कि वो अपने पैशन को फॉलो करे। वो अपनी सुविधा और जरूरत के हिसाब से किसी डिग्री या कोर्स को फॉलो कर सके और अगर उसका मन करे तो वो छोड़ भी सके। उच्च शिक्षा को स्ट्रीम्स से मुक्त करने, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट, क्रेडिट बैंक के पीछे यही सोच है। हम उस एरा की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में ही नहीं टिका रहेगा। इसके लिए उसे निरंतर खुद को री स्किल और अप स्किल करते रहना होगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब गांवों में जाएंगे, किसान को, श्रमिकों को, मजदूरों को काम करते देखेंगे, तभी तो उनके बारे में जान पाएंगे, उन्हें समझ पाएंगे, उनके श्रम का सम्मान करना सीख पाएंगे। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्टूडेंट एजूकेशन और श्रम के सम्मान पर बहुत काम किया गया है।प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी के भारत से पूरी दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं। भारत का सामथ्र्य है कि कि वो टैलेंट और टेक्नॉलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है, इस जिम्मेदारी का भी हमारी एजूकेशन पॉलिसी में समावेश है।प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्चुअल लैब जैसे कॉन्सेप्ट ऐसे लाखों साथियों तक बेहतर शिक्षा के सपने को ले जाने वाला है, जो पहले ऐसे विषय पढ़ ही नहीं पाते थे जिसमें लैब एक्सपेरिेमेंट जरूरी हों। जब इंस्टीट्यूशंस और इंफ्रास्ट्रक्च र्स में भी ये सुधार दिखेंगे, तभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अधिक प्रभावी और त्वरित गति से लागू किया जा सकेगा।

 

Tags: Narendra Modi , Modi , BJP , Bharatiya Janata Party , Prime Minister of India , Prime Minister , New Delhi , Narendra Damodardas Modi

 

 

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