राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सूरजकुण्ड का अन्तर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक ऐसा मंच है, जहां हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है। देश-विदेश से आए शिल्पकारों में संवाद बनता है और कला के विभिन्न रंग हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान देते हैं।राज्यपाल आज हरियाणा राज्य के फरीदाबाद में आयोजित 34वें सूरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला 2020 के समापन अवसर पर बोल रहे थे।मेले में हिमाचल प्रदेश के 24 साल बाद थीम स्टेट बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह देवभूमि हिमाचल के लिए गौरव की बात है। इसमें प्रदेश की समृद्ध कला-संस्कृति, पर्यटन, हथकरघा, हस्तशिल्प व अन्य उत्पादों को प्रदर्शित करने व उनकी बिक्री का मौका मिला है। यह मेला एक ऐसा मंच है, जहां विश्व के कई देशों सहित भारत के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों, बुनकरों, कलाकारों को एक जगह पर अपने उत्पादों को बेचने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह शिल्प मेला इतना बड़ा आकार व प्रसिद्धी हासिल कर चुका है कि हर वर्ष शिल्पकारों व कलाकारों को इसका इंतजार रहता है।राज्यपाल ने आशा जताई कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने में लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हिमाचल को मेले के मंच से विश्व स्तर पर पर्यटन मार्केटिंग का अवसर मिला है। यहां थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश द्वारा स्थापित पर्यटन सूचना केंद्र में राज्य के अनछुए एवं नये पर्यटन स्थलों की पर्यटकों को जानकारी दी गई। उन्होंने मेला मैदान में भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति तथा ग्रामीण परिवेश में पारम्परिक शैली मेें बने घर को दर्शाने, धाम का आयोजन इत्यादि के लिए पर्यटन विभाग की सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर पर्यटकों को हिमाचल आने के लिए आमंत्रित किया।श्री दत्तात्रेय ने कहा कि देवभूमि के नाम से विख्यात हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राज्य के रूप में पहचान है और पर्यटन की यहां असीम संभावनाएं हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष पर्यटकों की आमद बढ़ती जा रही है और वर्ष 2019 (जनवरी से दिसम्बर) के दौरान राज्य में 172.12 लाख पर्यटक राज्य में आये, जिनमें से 3.83 विदेशी पर्यटक थे और 168.29 लाख घरेलू पर्यटक शामिल थे।उन्होंने हरियाणा सरकार और सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण को भी मेले के सफल आयोजन की बधाई दी। उन्होंने हिमाचली संस्कृति, परम्पराओं, रीति-रिवाज़ और हिमाचल प्रदेश की ब्रांडिंग के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की भी प्रशंसा की।इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने भी अपने विचार रखे।इस अवसर पर सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण ने हिमाचल प्रदेश को ‘‘थीम स्टेट उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्रदान किया। पर्यटन निदेशक यूनुस ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।समापन अवसर पर थीम स्टेट के अनुभव को साझा करते हुए यूनुस, निदेशक पर्यटन विभाग हिमाचल प्रदेश ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल के प्रयासों और दूरदर्शिता से 24 साल बाद फिर से हिमाचल प्रदेश को थीम स्टेट बनने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश को सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में राज्य की पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करने का बहुमूल्य अवसर मिला और उम्मीद जतायी कि यह अवसर हिमाचल में पर्यटन को बढावा देने में कारगर साबित होगा।समापन समारोह के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के साँस्कृतिक दल ने झमाकड़ा की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।इसके पश्चात् हरियाणा व हिमाचल के महामहिम राज्यपाल मेला मैदान में पर्यटन विभाग की प्रदर्शनी स्टाॅल का भी दौरा किया।इससे पूर्व, हरियाणा सरकार में पर्यटन मंत्री कंवर पाल ने राज्यपाल का स्वागत किया।इस अवसर पर उज़्बेकिस्तान के राजदूत फरहाड आरज़िएव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।भारत सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा सरकार के परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा, विधायक सीमा त्रिखा एवं रणधीर सिंह गोलेन, नगर निगम फरीदाबाद की महापौर सुमन बाला और हरियाणा और हिमाचल सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।