पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा लेक क्लब चंडीगढ़ में करवाए जा रहे मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान चंडीगढ़ समेत अन्य क्षेत्रों के स्कूलों के बड़ी संख्या विद्यार्थियों ने ब्रिगेडियर राजेश भास्कर द्वारा लिखी पुस्तक -मोडर्नाईजिंग नेशनल इंटेलिजेंस ऑपरेटस फॉर इंटरनल सिक्यूरिटी ऑपरेशनज़ पर करवाई गोष्ठी में हिस्सा लिया। इस मौके पर लोगों को इस पुस्तक के विभिन्न पक्षों संबंधी विस्तृत जानकारी हासिल करने का मौका मिला। पुस्तक के लेखक ब्रिगेडियर राजेश भास्कर, सेवा मुक्त डी.जी.पी. जे. एस. औजला और रिर्सच एंड एनालिसिस विंग के पूर्व डायरैक्टर के.सी. वर्मा ने इस गोष्ठी में हिस्सा लिया और उन्होंने पुस्तक के पक्ष से भारत की ख़ुफिय़ा एजेंसियाँे, ख़ुफिय़ा दस्तावेज़ों और भारत के आंतरिक और भारत से बाहर के मसलों पर विचार-विमर्श किया।इस मौके पर श्री के.सी. वर्मा ने विभिन्न देशों में 30 साल बाद ख़ुफिय़ा सरकारी कागज़ात सार्वजनिक किये जाने संबंधी जानकारी सांझी की। उन्होंने इस मौके पर सोशल मीडिया, आधार कार्ड, टैलिफ़ोन टेपिंग से सम्बन्धित विभिन्न मसलों सम्बन्धी अपने विचार सांझे किये।श्री वर्मा ने कहा कि ख़ुफिय़ा एजेंसियों सम्बन्धी बहुत सारी जानकारी सामने नहीं आती क्योंकि ख़ुफिय़ा एजेंसियों से सम्बन्धित लोग अपने कार्यकाल और सेवा मुक्ति के बाद भी आसानी से जानकारी सांझी नहीं कर सकते। उन्होंने ख़ुफिय़ा एजेंसियों के आपसी तालमेल, भर्ती और प्रशिक्षण सम्बन्धी मसलों पर प्रकश डाला।पुस्तक के लेखक श्री राजेश भास्कर ने कहा कि जानकारी एकत्रित करने में तकनीक अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि ख़ुफिय़ा एजेंसियों द्वारा जानकारी सांझी किये जाने का घेरा बढ़ाया जाना चाहिए जिससे तालमेल में और विस्तार हो सके। उन्होंने इस मौके पर जानकारी सांझे किये जाने सम्बन्धित फ़लैट इन्फर्मेशन पैटर्न अपनाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।सेवा मुक्त डी.जी.पी. जे. एस. औजला पुस्तक के विभिन्न पक्षों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस विषय को लेखक ने चुना है, वह बहुत ही गहरा और जटिल है और लेखक ने एक इस विषय को बहुत कम शब्दों में समेटने का यत्न किया है। उन्होंने कहा कि आंतरिक इंटेलिजेंस और बाहरी इंटेलिजैंस को स्पष्ट रूप में अलग-अलग कर के नहीं देखा जा सकता।