मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भौरसैयदां की फूड प्रोसेसिंग यूनिट से प्रदेश के एक हजार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस प्रकार की यूनिट लगाने से युवक 20 हजार रुपये प्रतिमास की आय प्राप्त कर सकेगा। इसके लिये इस यूनिट पर 6 मास का प्रशिक्षण दिया जायेगा और इस प्रशिक्षण के उपरांत युवक अपना रोजगार स्थापित कर सकेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को अंतर्राष्टय गीता महोत्सव के वैश्विक गीता पाठ में शामिल होने से पहले गांव भौरसैयदां के प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा के फूड प्रोसेसिंग यूनिट का अवलोकन करने के लिये गांव में पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी, पूर्व विधायक डा0 पवन सैनी, उपायुक्त डा0 एस.एस. फुलिया ने प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा के फूड प्रोसेसिंग यूनिट का अवलोकन किया। यहां पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मशरूम प्लांट के बीज बनाने से लेकर कम्पोस्ट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया, पैकेजिंग सिस्टम के साथ-साथ तमाम गतिविधियों की जानकारी हासिल की है। प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा ने इस यूनिट के बारे में मुख्यमंत्री को हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इस यूनिट से आस-पास के 5 गांवो के करीब 100 लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाये हैं।मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट का अवलोकन करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भौर सैयदां गांव में प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा ने एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट और मशरूम फार्म का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस यूनिट से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
आज गीता जयंती के पावन अवसर पर प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह ने आश्वासन दिया है कि इस यूनिट में एक हजार युवाओं को 6 मास का प्रशिक्षण देंगे। इस प्रशिक्षण के उपरांत युवा 20 हजार रुपये प्रतिमास कमाने के योग्य हो जायेंगे। इस प्रकार की यूनिट लगाने से मशरूम और अन्य उत्पादों का उत्पादन कर सकेंगे। प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 1995 में कृषि विज्ञान केन्द्र से प्रशिक्षण लेने और पीएनबी से 50 लाख रुपये का ऋण लेने उपरांत मशरूम फार्म स्थापित किया। इस फार्म को बागवानी विभाग के सहयोग से बड़े प्रोजेक्ट का रूप दिया गया। अब इस जगह पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है। इस यूनिट में जिला का कोई भी किसान टमाटर, पालक, सरसों, लहसुन सहित अन्य उत्पादों को लेकर आयेगा, उसको न्यूनतम मूल्य से 50 पैसे अधिक पैसा प्रति किलो के हिसाब से दिया जायेगा। इस यूनिट में कम से कम 25 से 30 टन टमाटर की खपत रोजाना है और इस यूनिट में पालक और सरसों तथा लहसुन का भी प्रयोग किया जाता है। इस फार्म हाउस की मशरूम कनाडा में भेजी जाती है और सरसों का साग भी अब कनाडा में बेचा जायेगा। उन्होंने कहा कि बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न का भी प्रोजैक्ट बागवानी विभाग के सहयोग से लगाया जा रहा है। इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर वर्ष 2012 से अब तक 3 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जा चुका है। अब पुराल से कम्पोस्ट बनाया जायेगा। इस मौके पर भाजपा के जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, एसडीएम अश्वनी मलिक, एसडीएम अनिल यादव, डीडीपीओ रेनू जैन, डीडीए प्रदीप गिल, जिला बागवानी अधिकारी जोगिन्द्र बिसला, एसडीओ जितेन्द्र मेहता सहित अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।