किसानों को फसलों का लाभप्रद भाव मुहैया करवाने के लिए कृषि उद्योग के दिग्गजों से कृषि उत्पाद के अधिक कीमत पर बिक सकने वाली अन्य वस्तुएँ तैयार करने पर ज़ोर दिया।पंजाब प्रगतिशील निवेशक सम्मेलन -2019 के दूसरे दिन कृषि और फूड प्रोसेसिंग सैशन ‘पंजाब: कृषि आर्थिकता में विस्तार करने’ के दौरान इस मुद्दे पर सर्वसम्मति सामने आई।सैशन में शामिल डेलीगेट्स ने फलों, सब्जियों, पशूओं और मीट की प्रोसेसिंग के अलावा साजो-सामान पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कृषि के अवशेष को प्रोसेस करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया जिससे वातावरण का बचाव किया जा सके जिससे सतत कृषि लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।इस मौके पर पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना और कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फरेजऩो के बीच आपसी सहमति का समझौता सहीबद्ध (एम.ओ.यू) किया गया जिसके अंतर्गत कृषि और फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में विद्यार्थियों के अदला- बदली और अनुसंधान कार्यों की साझ डाली जायेगी।इससे पहले कृषि के अकादमिक क्षेत्रों के माहिरों, खोजकर्ताओं, एग्रो उद्योगपतियों और प्रगतिशील किसानों को संबोधन करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विसवाजीत खन्ना ने किसानों को स्मार्ट फार्मिंग टैक्रॉलॉजी, लघु सिंचाई और सिंचाई के मंतव्यों के लिए पुन: प्रयोग के लिए सुधारा और प्रोसेस पानी का प्रयोग करने के लिए उत्साहित करने का न्योता दिया।
कृषि क्षेत्र में पंजाब के मज़बूती के पक्ष गिनाते हुए श्री खन्ना ने बताया कि पंजाब रोज़ाना का 32.5 मिलियन लीटर दूध के उत्पादन के साथ देश के दूध उत्पादन में छठा स्थान रखता है। किन्नू उत्पादन में देश की कुल पैदावार का 24 प्रतिशत उत्पादन के साथ पंजाब दूसरे स्थान पर है। इसी तरह शहद की भारत में कुल पैदावार का 15 प्रतिशत उत्पादन पंजाब तीसरे नंबर पर है और भारत में कुल निर्यात होने वाले शहद में पंजाब का 21 प्रतिशत हिस्सा है।श्री खन्ना ने आगे बताया कि पंजाब में बुनियादी ढांचे, उत्पादन, भंडारण और मार्केटिंग के व्यापक नैटवर्क के साथ-साथ कृषि क्षेत्र और अनुसंधान को समर्पित पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, फल शोध केंद्र बहादुरगढ़ (पटियाला) और जल्लोवाल (होशियारपुर) जैसी अहम संस्थाएं हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र को शोध के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर राज्य में एग्रो उद्योग में मौजूद अथाह संभावनाओं की तलाश करने का न्योता दिया।तकनीकी सैशन का संचालन पंजाब स्टेट फारमर्ज़ कमीशन के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने किया जिसमें पैनल पर गोदरेज टाईसन के सी.ई.ओ. प्रशांत वटकर, सी.एन. इफको के एम.डी. इनीगो ऐंटन, आई.टी.सी. के फूड डिवीजऩ के वित्तीय मामलों के प्रमुख नील किंग्स्टन और प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी प्रभाकर राव शामिल थे।श्री जाखड़ ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों में सुधार का मज़बूती से समर्थन किया जिससे पंजाब के किसानों को सीधा फ़ायदा होगा क्योंकि पंजाब में कृषि उत्पादन के साथ जुड़ी वस्तुएँ जैसे फल, सब्जियाँ और डेयरी उत्पाद सीधे पाकिस्तान, अफगानसितान, कज़ाकिस्तान आदि निर्यात करने की सुविधा प्राप्त होगी। दोनों देशों के आपसी सुखद संबंधों से पंजाब से मध्य एशिया तक एग्रो उत्पादों का व्यापार होगा जिससे राज्य के किसानों की आर्थिक दशा सुधरेगी।
विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुए नील किंग्स्टन ने कहा कि पंजाब देश के कुल दूध उत्पादन में 7 प्रतिशत और अंडा उत्पादन में 6 प्रतिशत योगदान डालता है जिससे पंजाब ‘देश के प्रोटीन स्रोत’ के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा आई.टी.सी. ग्रुप को कपूरथला में उच्च दर्जे का एग्रो फूड यूनिट स्थापित में सहयोग देने के फ़ैसले की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रिवायती कृषि में बदलाव लाना समय की मुख्य ज़रूरत है। इसी दिशा में आई.टी.सी. बीज, सब्जियों के मानक सुधार के लिए काम कर रहा है जिससे किसान अधिक से अधिक लाभ कमा सकें।सी.एन. इफको के एम.डी. इंगीओ ऐंटन ने अपने तजुर्बे साझे करते हुए पंजाब सरकार द्वारा उनको लुधियाना में अपना काम स्थापित करने के लिए दिए सहयोग और समर्थन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि किसानों और एग्रो उद्योग दोनों पक्षों के आपसी लाभ के लिए लम्बे समय की सांझेदारी का मज़बूत रिश्ता कायम करना बहुत ज़रूरी है।गोदरेज़ टाईसन फूडज़ के सी.ई.ओ. प्रशांत वटकर ने अपने पैसों की कीमत का एहसास करवाने के लिए उनको मार्केट से खरीदने वाले उत्पादों संबंधी खपतकारों में जागरूकता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। कृषि सैक्टर में कृषि उत्पादों से और उत्पाद बनाने की कमी पर चिंता ज़ाहिर करते हुए श्री वटकर ने कहा कि निजी क्षेत्र के लोग एग्रो उद्योग में आने और रिवायती कृषि उत्पादों से और उत्पाद तैयार करने जिससे किसानों को आर्थिक लाभ हो।प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक प्रभाकर राव ने वातावरण तबदीली के मामले पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि कृषि सैक्टर में मूल्यवर्धन की गति को तेज़ करने के लिए रसायन मुक्त खेती की तरफ बढऩे की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।सुखजीत स्टार्च एंड कैमीकलज़ लिमटिड के सी.ई.ओ. भवदीप सरदाना ने निवेश पंजाब द्वारा यह सम्मेलन करवाने की सराहना करते हुए कहा कि यह राज्य में सकारात्मक इकौ-सिस्टम को मज़बूत करने में बहुत सहायक होगा। उन्होंने कहा कि बेहतरीन कृषि प्रेक्टिस और नवीनकारी किसान ही पंजाब को कृषि और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में बहुत आगे लेकर गए हैं।