भारत में जापान के राजदूत केंजी हीरामात्सु ने आज नई दिल्ली में पूर्वोत्तर विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोकशिकायत तथा पेंशन और परमाणु ऊर्जा एंव अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह से भेंट कर जम्मू कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्र की विभिन्न विकास परियोजनाओं पर चर्चा की। श्री हीरामात्सु भारत में जापान के राजदूत के रूप में पिछले 3 साल 11 महीने से कार्यरत हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे के नेतृत्व में भारत और जापान के आपसी संबंधों में अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है।आज की मुलाकात के अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जापानी राजदूत को नर्सिंग केयर कर्मियों के प्रशिक्षण की जानकारी दी और बताया कि आंतरिक तकनीकि प्रशिक्षण कार्यक्रम टीआईटीपी के तहत जम्मू के 12 उम्मीदवारों का चयन जापानी कंपनियों के लिए किया गया है। श्री हीरामात्सु ने जापान सरकार के सहयोग से टीआईटीपी कार्यक्रम का विस्त्तार पूर्वोत्तर क्षेत्र में करने का भी भरोसा दिलाया। श्री सिंह ने टीआईटीपी कार्यक्रम के तहत भविष्य में लद्दाख क्षेत्र से 100 छात्रों (50 करगिल और 50 लेह) से शामिल करने का प्रस्ताव रखा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे,परमाणु ऊर्जा,बुलेट ट्रेन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि जापान, भारत और विशेष रूप से पूर्वोत्तर के साथ भावनात्मक और ऐतिहासिक संबंध साझा करता है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने में जापान को विशेषज्ञता हासिल है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में साइट्रस फ्रूट पार्कों की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर के सेबों, स्ट्रॉबेरी और लद्दाख बेरी के लिए विशेष फूड पार्क खोलने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के शासन में पूर्वोत्तर क्षेत्र और विशेषकर मणिपुर में जापान की ओर से काफी बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है।डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जापान के राजदूत को भारत में सफलतापूर्वक अपनी राजनयिक जिम्मेदारी निभाने तथा दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की भविष्य की सोच को मूर्त रूप देने में अहम योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि श्री हीरामात्सू के भारत में राजदूत रहने के दौरान दोनों देशों के बीच दिसम्बर, 2016 में द्विपक्षीय परमाणु समझौता, अक्टूबर, 2018 में डिजिटल और स्वास्थ क्षेत्र में साझेदारी का समझौता, अक्टूबर, 2018 में ही एसीएसए से वार्ताओं की शुरूआत का समझौता तथा सितम्बर, 2017 में भारत में जापानी भाषा सिखाये जाने और आपदा जोखिम न्यूनीकरण से जुड़े करार किये गये। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी इंडिया में नया जोश भरने के लिए भारत जापान एक्ट ईस्ट फोरम का गठन करने में जापान के राजदूत की भूमिका की भी सराहना की।डॉ. सिंह ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि श्री हीरामात्सू के स्थान पर नये नियुक्त होने वाले जापानी राजदूत भी भारत और जापान के आपसी संबंधों को मजबूत बनाने का काम जारी रखेंगे।