राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उनसे मिलने आए आईजीएमसी के नव नियुक्त प्रिंसीपल डॉ. मुकुन्द से कहा कि अस्पतलों में साफ सफाई होना अस्पताल प्रबन्धन की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का माहौल रोगी को सकारात्मक ऊर्जा देने के साथ-साथ उसे आंतरिक बल भी प्रदान करता है।उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में पूरे हिमाचल से काफी संख्या में मरीज ईलाज के लिए आते हैं। मरीजों के साथ आए व्यक्तियों को अकसर ठहरने की समस्या आती है, जिसके लिए अस्पताल के आस-पास सराय या धर्मशाला का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी के आस-पास कोई सुविधाजनक स्थान का चयन करें, जहां सराय का निर्माण हो सके तथा साथ-साथ वर्तमान सराय में भी सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास करें।उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों के साथ आए तीमारदारों के लिए नहाने और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उपयुक्त स्थान बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि रोगी के साथ आए व्यक्ति भी आराम से रह सकें।राज्यपाल ने कहा कि अस्पतालों में कई समाज सेवी संस्थाएं, सामूहिक भोजन एवं लंगर की व्यवस्था भी कर रही हैं, जिससे सदभावना और मानव सेवा की भावना बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को भी अस्पतालों के आस-पास भोजन बांटने के लिए शैड जैसी व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे सेवा का यह कार्य व्यवस्थित हो सकेगा।