Saturday, 25 March 2023

 

 

खास खबरें ‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ शनिवार को 28वां दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जन्मदिवस पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने दी बधाई सरकार ने सभी सुझाव सुने, अब एक्शन से लाएगी परिणाम : बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी नंबरदार यूनियन द्वारा माँगों सम्बन्धी विधान सभा स्पीकर के साथ बैठक मंडी बोर्ड के चेयरमैन द्वारा आढतियों के साथ मीटिंग पहला वनडे: हेनरी शिप्ले का पंजा, न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को 198 रन से रौंदा भारत हर एक व्यक्ति के प्रयासों से 'विकसित' टैग हासिल करेगा : नरेंद्र मोदी डब्लूपीएल 2023: इसी वोंग ने अपनी हैट्रिक पर कहा: मैं अपनी लय को ढूंढने और योजना को निष्पादित करने की कोशिश कर रही थी मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है: श्रद्धा कपूर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने नितिन गडकरी से कटक-संबलपुर एनएच को जल्द पूरा करने का किया आग्रह पीएम नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में बहुप्रतीक्षित व्हाइटफील्ड मेट्रो लाइन का किया उद्घाटन इराक में हवाई हमले में आईएस के तीन आतंकी मारे गए जम्मू-श्रीनगर रेल लिंक साल के अंत तक खुल जाएगा : अश्विनी वैष्णव सदस्यता जाने से फर्क नहीं पड़ता, अपना काम करता रहूंगा : राहुल गांधी यूरो 2024 क्वालीफायर्स : फ्ऱांस ने हॉलैंड को हराया, बेल्जियम भी जीता तीन महीने में ट्विटर की पेड ब्लू सर्विस ने सिर्फ 11 मिलियन डॉलर की कमाई की पहला टी 20: अफगानिस्तान की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत गर्भावस्था के दौरान कोविड, नवजात लड़के में पैदा कर सकता है मस्तिष्क विकार : रिपोर्ट मियामी ओपन: अल्काराज तीसरे दौर में मिसेज कोहली कहे जाने पर अनुष्का शर्मा ने दिया मजेदार रिएक्शन डब्लूपीएल 2023: शिवर ब्रंट का कैच छोड़ना भारी साबित हुआ : एलिसा हीली

 

जलियांवाला बाग नरसंहार बाद गांधी अंग्रेजों के कट्टर विरोधी हो गए थे : किताब

5 Dariya News

नई दिल्ली , 08 May 2019

जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद पहली बार पंजाब गए महात्मा गांधी को इस नरसंहार ने ब्रिटिश सरकार के वफादार से उसके कट्टर विरोधी में बदल दिया था। जलियांवाला बाग की 100वीं बरसी के मौके प्रकाशित एक किताब में यह दावा किया गया है।ट्रिब्यून के संपादक राजेश रामचंद्रन द्वारा संपादित किताब 'मार्टरडम टू फ्रीडम' में कई अध्याय हैं, जिन्हें विद्वानों, इतिहासकारों और एक पूर्व राजनयिक द्वारा लिखा गया है।एक अध्याय में इतिहासकार रामचंद्र गुहा कहते हैं कि गांधी स्तब्ध रह गए थे कि उनकी सिफारिश करने के बावजूद नरसंहार के मुख्य दोषियों -जनरल डायर और तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर सर माइकल ओडायर को दंडित नहीं किया गया था। उन्होंने मांग की थी कि दोनों अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया जाए।हालांकि वायसराय ने ब्रिगेडियर जनरल डायर की कार्रवाई को गलत नहीं बताया और ओडायर को शानदार चरित्र प्रमाण पत्र दे दिया।गुहा लिखते हैं, "पंजाब सरकार के अहंकारपूर्व रवैये ने गांधी के ब्रिटिश सरकार के प्रति विश्वास पर काफी नकारात्मक प्रभाव डाला।"इसके बाद इसके विरोध में गांधी को नए तरीके से आंदोलन शुरू करना पड़ा और उन्हें विश्वास था कि अहिंसक संघर्ष के दवाब में ब्रिटिश सरकार को झुकाया जा सकता है।गुहा ने तर्क देते हुए कहा, "वर्ष 1919 से पहले, गांधी कभी पंजाब नहीं गए थे। लेकिन वहां जो उन्होंने उस वर्ष देखा और किया, उसने उन्हें बिल्कुल बदल दिया। राजनीतिक पटल पर, इस घटना ने उन्हें ब्रिटिश सरकार के वफादार से धुर विरोधी में बदल दिया।"उनका कहना है कि 'गदर आंदोलन' का केंद्र बन रहे और राजनीतिक रूप से सक्रिय हो रहे प्रांत पंजाब और पूर्व में 1905-07 के दौरान 'स्वदेशी आंदोलन' में इसकी सहभागिता के कारण गांधी इसका दौरा करने के लिए बहुत उत्साहित थे।गांधी आठ अप्रैल, 1919 को मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां से वह पंजाब जाने के बारे में सोच रहे थे। हालांकि उन्हें पुलिस ने रोक लिया और उन्हें वापस अहमदाबाद जाना पड़ा।

 

Tags: Book

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD