हरियाणा के कैथल स्थित आर्य समाज मंदिर के नव निर्मित सत्संग भवन के उदघाटन अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि ऋषि दयानंद की शिक्षाएं वर्तमान समय में अधिक प्रासंगिक हैं। वैदिक ज्ञान ही समाज में नवचेतना का संचार कर समाज को दिशा दे सकता है।राज्यपाल ने कहा कि आर्य समाज एक आंदोलन एवं विचार-धारा है, जिसे स्वामी दयानंद ने समाज को दिया। उन्होंने वेदों को जीवन में अपनाया और दुनिया को इसका ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि वेदों का ज्ञान अनादि है और वेदों से पुराना दुनिया में कोई ज्ञान नहीं। उन्होंने मानवता की बात कही और आजीवन समाज सुधार का कार्य किया। उन्होंने कन्या शिक्षा पर बल दिया और जात-पात के खिलाफ आवाज उठाई।राज्यपाल ने कहा कि आर्य समाज की विचारधारा को अपनाकर समाज को संगठित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के विचार गांव-गांव तक पहुंचाए जाने चाहिये। आज की सामाजिक कुरीतियों जैसे नशा इत्यादि का समाधान आर्य समाज के विचार ही दे सकते हैं।इस के पश्चात, राज्यपाल ने हरिओम सेवा समिति, ढांड द्वारा आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जो व्यक्ति दूसरों के साथ अपनापन रखता है, उसी व्यक्ति का जीवन सार्थक है। हरिओम सेवा समिति भी इस दिशा में कार्य कर रही है, जो अत्यंत सराहनीय है।उन्होंने कहा कि अच्छे समाज के निर्माण और विकास में समाज सेवी संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी का कर्तव्य है कि व्यवहार, कर्मों और विवेक द्वारा अच्छे समाज को बनाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि समाज से लड़का-लड़की का भेद समाप्त होना चाहिये। लड़कियों को आगे बढ़ने के अवसर मिलने चाहिये।राज्यपाल ने इस अवसर पर सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने के लिये अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया।राज्यपाल ने देर साएं रादौर में आयोजित आर्य समाज के वार्षिकोत्सव में भी भाग लिया।