राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने देश के किसानों को अपनी आय को दोगुना करने के लिए केवल प्राकृतिक खेती को अपनाने तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी की उर्वरता, पर्यावरण व पानी के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।राज्यपाल आज हरियाणा के ज़िला कैथल के पुंडरी में बुद्ध राम ढल्ल जल कल्याण समिति, पुंडरी द्वारा प्राकृतिक खेती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र के गुरूकुल में कई वर्षों तक रासायनिक व जैविक कृषि करने के बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया है, जिसमें देसी गायों के उपयोग से कृषि उपज को शून्य लागत पर बढ़ाने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के तहत किसानों को एक पैसा भी खर्च करने की आवश्यकता नहीं है तथा इससे बंजर भूमि पुनः उपजाउ बनाने के अतिरिक्त पानी के न्यूनतम उपयोग की आवश्यकता रही है।आचार्य देवव्रत ने कहा कि कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के अत्याधिक उपयोग पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इनका प्रयोग न केवल फसलों के पोषक तत्वों को कमजोर कर रहा है बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरकता भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान रासायनिक खेती के कारण कैंसर और मधुमेह जैसी कई बीमारियों में तेजी से वृद्धि हुई है। इस कारण प्राकृतिक खेती को अपनाने का यह उचित समय है, ताकि उपभोक्ताओं को जैविक उत्पाद उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के अतिरिक्त प्राकृतिक खेती के कई अन्य लाभ हैं क्योंकि यह मिट्टी की उर्वरकता और भू-जल स्तर को बनाए रखने के साथ-साथ पर्यावरण को संरक्षित करने में भी सहायक है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने पहले ही यह चेनावती दे दी है यदि हम आज जल संसाधनों, मिट्टी की उर्वरकता और पर्यावरण संरक्षण के विषय में नहीं सोचेंगे तो दो दशकों के बाद पानी की भारी कमी के कारण भूमि बंजर हो जाएगी, इसलिए यह उचित समय है कि हम प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ें।उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक खेती तेजी से बढ़ रही है और लगभग 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और आन्ध्र प्रदेश के किसानों ने प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर अपनाया है तथा राज्य सरकारें उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि गुरूकुल कुरूक्षेत्र भी किसानों को शिक्षित करने और प्राकृतिक खेती से सम्बन्धित प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान कर रहा है।उन्होंने प्राकृतिक खेती के तरीकों के विषय पर विस्तार से जानकारी दी और किसानों को प्राकृतिक खेती पर अपनी पुस्तक भी भेंट की।राज्यपाल ने इससे पूर्व जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले में शहीद 40 सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि दी।बुद्ध राम ढल्ल जन कल्याण समिति के अध्यक्ष जगदीप ढल्ल ने राज्यपाल का स्वागत किया।इस अवसर पर राज्यपाल को विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया।