पंजाब के सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मंत्री श्री साधु सिंह धर्मसोत द्वारा आज केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री थावर चंद गहलोत के साथ मीटिंग करके केंद्र को अनुसूचित जातियों से सम्बन्धित विद्यार्थियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के अंतर्गत 1286 करोड़ केंद्र की तरफ पैंडिंग फंड तुरंत जारी करने के लिए कहा गया क्योंकि केंद्र द्वारा की जा रही इस देरी के कारण गरीब वर्गों के साथ सम्बन्धित पंजाब में बड़ी संख्या विद्यार्थियों को शिक्षा संस्थाओं में दाखि़ला लेने के लिए गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।केंद्रीय मंत्री के साथ मीटिंग के दौरान श्री धर्मसोत ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालय द्वारा पंजाब को यह 1286 करोड़ जारी करने में पहले ही बहुत देरी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन कुल पैंडिंग फंडों में से 719 करोड़ रुपए वित्तीय साल 2016 -17 के हैं और 567 करोड़ रुपए वित्तीय साल 2017 -18 के हैं जिनको रिलीज करने में केंद्र द्वारा की जा रही देरी के कारण आर्थिक पक्ष से कमज़ोर परिवारों के बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को दाखि़ला लेने में समस्याएँ आ रही हैं।उनकी तरफ से श्री गहलोत को बिना किसी देरी से यह फंड पंजाब को जारी करने के लिए कहा गया जिससे विद्यार्थियों की मुश्किलों का हल प्रमुखता के तौर पर किया जा सके। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ केंद्र द्वारा पहले जारी किये गए 327 करोड़ रुपए के इस्तेमाल सर्टिफिकेट पहले ही केंद्रीय मंत्रालय को दिए जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए श्री धर्मसोत ने बताया कि श्री गहलोत द्वारा उनको भरोसा दिया गया है कि स्कॉलरशिप स्कीम के अंतर्गत यह फंड आगामी फरवरी महीने तक जारी कर दिए जाएंगे।केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला द्वारा यह बयान देने कि पंजाब सरकार द्वारा पहले जारी फंडों के इस्तेमाल सर्टिफिकेट अभी तक मुहैया नहीं करवाए गए, के लिए सख़्त आलोचना करते हुए श्री धर्मसोत ने कहा कि जब पंजाब सरकार द्वारा पहले 327 करोड़ रुपए के फंडों का प्रयोग सम्बन्धी सर्टिफिकेट मुहैया करवा दिए गए हैं तो श्री सांपला को ऐसे बेबुनियाद बयान देने से पहले अपने मंत्रालय से तालमेल करके तथ्य जाँच लेने चाहिएं। उन्होंने कहा कि श्री सांपला को ऐसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर राजनीति नहीं खेलनी चाहिए जिससे पंजाब के लाखों गरीब विद्यार्थियों का शैक्षिक भविष्य जुड़ा हो।