Sunday, 26 March 2023

 

 

खास खबरें एस.ओ.एस. इंटरनेशनल के प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से भेंट की उत्कृष्ट खिलाड़ियों ने उपराज्यपाल से भेंट की नगरोटा और काजीगुंड में कोई ट्रक नहीं रुकेगा : डॉ. अरुण कुमार मेहता खनन सचिव अमित शर्मा ने समीक्षा बैठक के दौरान वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने का आह्वान किया अटल डुल्लू ने बीज गुणन फार्म चिनौर का निरीक्षण किया कठुआ प्रशासन 27 मार्च को ‘युवा महोत्सव‘ की मेजबानी करेगा डीडीसी किश्तवाड़ ने युवाओं के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने फूड फोर्टिफिकेशन पर कार्यशाला का आयोजन किया रेत की 50 और सार्वजनिक खदानें जल्द शुरू होंगी : मीत हेयर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बल्लाँ में गुरू रविदास वाणी अध्ययन केंद्र का नींव पत्थर रखा सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संजौली महाविद्यालय में अधोसंरचना निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपए प्रदान करने की घोषणा की ‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ शनिवार को 28वां दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जन्मदिवस पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने दी बधाई सरकार ने सभी सुझाव सुने, अब एक्शन से लाएगी परिणाम : बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी नंबरदार यूनियन द्वारा माँगों सम्बन्धी विधान सभा स्पीकर के साथ बैठक मंडी बोर्ड के चेयरमैन द्वारा आढतियों के साथ मीटिंग पहला वनडे: हेनरी शिप्ले का पंजा, न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को 198 रन से रौंदा भारत हर एक व्यक्ति के प्रयासों से 'विकसित' टैग हासिल करेगा : नरेंद्र मोदी डब्लूपीएल 2023: इसी वोंग ने अपनी हैट्रिक पर कहा: मैं अपनी लय को ढूंढने और योजना को निष्पादित करने की कोशिश कर रही थी मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है: श्रद्धा कपूर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने नितिन गडकरी से कटक-संबलपुर एनएच को जल्द पूरा करने का किया आग्रह

 

मोदी के 'नोटबंदी के खाके' को मैंने शब्द दिए : लेखक रवि सुब्रमण्यम

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

नई दिल्ली , 25 Nov 2018

साल 2016 में जब नोटबंदी के बाद एटीएम के बाहर लोगों की बड़ी-बड़ी कतारें लगी थीं, उसी समय प्रकाशक अनंत पद्मनाभन ने लेखक रवि सुब्रमण्यम को फोन कर उनसे पूछा, "तुम वही सोच रहे हो, जो मैं सोच रहा हूं?" इस पर सुब्रमण्यम ने मुस्कुराकर कहा "नोटबंदी ही ना। इस तरह 'डोंट टेल द गवर्नर' का प्रकाशन हुआ और अब यही उपन्यास बेस्टसेलर चार्ट में लगातार ऊपर चढ़ रहा है। लेकिन सुब्रमण्यम इसे संयोग से अधिक बहुत कुछ मानते हैं, क्योंकि वह उस समय 'इन द नेम ऑफ गॉड' नामक किताब लिख रहे थे, जो तिरुवनंतपुरम में अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर पर आधारित थी। उस समय उन्हें हार्पर कॉलिंस प्रकाशक से फोन आ रहे थे, जिनके प्रकाशन की ओर से हूबहू इसी नाम से प्रकाशन हो रहा था। उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे लगता है, यह दैविक हस्तक्षेप था और मुझे पता था कि इस उपन्यास को लिखा जाना है।आईआईएम-बेंगलुरू के पूर्व छात्र सुब्रमण्यम ने आईएएनएस को बताया, "उस समय आरबीआई गवर्नर द्वारा नोटबंदी की सराहना नहीं किए जाने को लेकर काफी हो हल्ला मचा हुआ था। इस विचार ने मुझे आरबीआई गवर्नर को उपन्यास का नायक बनाए जाने पर विवश किया और उसके बाद एक के बाद एक चीजें होती चली गईं। आरबीआई गवर्नर और नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री के भाषण पर भी मेरा ध्यान गया, जहां उन्होंने आतंकवाद और जाली मुद्रा के बारे में बात की थी। उन्होंने कालेधन और मनी लॉड्रिग के बारे में बात की थी। 

उन्होंने कहा, "आभूषण कारोबार के जरिए मनी लॉड्रिंग को लेकर बवाल मचा था और उसके बाद अचानक इस थ्रिलर में बहुत कुछ जुड़ गया। इस तरह यह बन गया। कई सारे प्लॉट से कहानी को रफ्तार मिलती चली गई, बेहतरीन थ्रिलर के साथ एक के बाद एक कहानी में प्लॉट से यह रोचक है और इस तरह 'डॉन्ट टेल द गवर्नर' तैयार हुई।"सुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने वास्तविक घटनाक्रमों को खास तवज्जो दी है। वह कहते हैं, "और हां, आरबीआई-सरकार के बीच का विवाद ही इसका विषय है, जो पूरी किताब में जारी रहता है। यह सिर्फ संयोग है कि दोनों ने वास्तविक जीवन में भी क्लैश पर विचार किया, जिस समय किताब जारी हुई। मेरा विश्वास कीजिए, मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है।"लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है कि इस किताब की सामग्री की वास्तविक जीवन के घटनाक्रमों में समानता है। उदाहरण के लिए 'इन द नेम ऑफ गॉड' में एक किरदार का नाम नीरव चोकसी है, जो धोखाधड़ी करता है। उन्होंने कहा, "कुछ लोग असहज हो गए क्योंकि यह किताब पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के अपराधी होने से लगभग छह महीने पहले लॉन्च हुई थी। मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि एक लेखक के रूप में आप आमतौर पर सीमाओं से परे हटकर सोचते हैं। लोगों को संदेह से देखना आपकी प्रकृति बन जाती है। मुझे लगता है कि अपराधी दिन प्रतिदिन रचनात्मक होते जा रहे हैं और लेखक रचनात्मक इंसान हैं।

"सुब्रमण्यम ने जोर देकर कहा कि उनका उपन्यास 'फिक्शन' है। उन्होंने पाठकों से इसका कुछ और मायने लगाने के बजाय इसका लुत्फ उठाने को कहा है। वह कहते हैं कि कोई भी घटनाक्रम जो हैरान कर देने वाला है और जो लोगों की नजर में रहता है, वह मुद्दा थ्रिलर के लिए बेहतरीन है और नोटबंदी ऐसा ही एक मुद्दा है। वह पूछते हैं, "जब आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी तो किसी ने इसकी कल्पना नहीं की थी। वह किसी थ्रिलर कहानी में रोमांचक मोड़ की तरह था, जिसने सभी को चौंका दिया। यह ट्विस्ट किताब लिखे जाने के बाद भी उनके साथ लंबे समय तक रहा। नोटबंदी की गूंज को दो साल बीतने के बाद भी सुनी जा सकती है।"उन्होंने कहा कि नोटबंदी के ईदगिर्द थ्रिलर कहानी लिखना ही एकमात्र चुनौती है। उन्होंने कहा, "इसलिए आपकी कहानी का ट्विस्ट नोटबंदी के आसपास होना चाहिए था न कि सिर्फ नोटबंदी। यही एक ट्विस्ट था, जिसे मोदी ने लिखा। मैं सक्रिय रूप से इस तरह के ट्विस्ट को वित्तीय सेवा इंडस्ट्री में ढूंढता हूं। फिर चाहे वह बिटकॉयन की दुनिया हो या क्रेडिट कार्ड के जरिए नक्सलियों को धन मुहैया कराने की बात हो।"किताब 'डॉन्ट टेल द गवर्नर' 299 रुपये में ऑनलाइन और किताब की दुकानों पर उपलब्ध है।

 

Tags: Book , Demonetisation

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD