सरकार ने अगले वर्ष ऐतिहासिक जलियांवाला बाग नरसंहार के 100वें वर्ष को यादगार प्रतीक के रूप में मनाने का फैसला किया है। संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने आज आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और एनबीसीसी के अधिकारियों के साथ अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक का दौरा किया और 2019 में जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ वर्ष पूरे होने संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। एक वक्तव्य में डॉ. शर्मा ने कहा, ‘जब हम 2019 में जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ वर्ष यादगार प्रतीक के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं, तब जलियांवाला बाग का आवश्यक पुनर्निर्माण और उसमें सुधार होना चाहिए। जलियांवाला बाग हमारी युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम में हुए बलिदानों की याद दिलाता रहे।’ सरकार इस ऐतिहासिक स्थल के पुनरूद्धार की योजना बना रही है। संस्कृति मंत्री ने कहा कि पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है। यादगार अवधि के दौरान अनेक स्मरणीय और अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट 13 अप्रैल, 2019 (सौ वर्ष पूर्व इसी दिन यह घटना हुई थी) को जारी किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय देश भर में सांस्कृतिक गतिविधियां जैसे कवि सम्मेलन, नाटक, प्रदर्शनी, सेमिनार आयोजित करेगा।
निम्नलिखित के समय पर कार्यान्वयन के लिए एक समिति गठित की गई है -
i. आगंतुकों के लिए मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना
ii. जलियांवाला बाग स्मारक का पुनरूद्धार, आधुनिकीकरण और सौन्दर्यीकरण, और
iii. स्मारक में वर्चुअल रियलिटी थीम बेस्ड शो की व्यवस्था
पर्यटन मंत्रालय पहले ही स्मारक में वर्चुअल रियलिटी थीम बेस्ड शो के लिए स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 8 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित कर चुका है, जिसे समिति की देखरेख में खर्च किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर संस्कृति मंत्रालय अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगा।