भारतीय कबड्डी में राहुल चौधरी एक जाना-माना नाम है। उन्होंने भारतीय टीम के लिए दमदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ प्रो-कबड्डी लीग में तेलुगू टाइटंस से खेलते हुए लगातार अपनी उपयोगिता भी साबित की है। राहुल लीग में कुल मिलाकर सबसे अधिक अंक हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं और उनका कहना है कि वह किसी भी खिलाड़ी से व्यक्तिगत रूप से प्रतिस्पर्धा नहीं करते, फिर चाहे वह प्रदीप नरवाल ही क्यों न हों। तेलुगू टाइटंस के खिलाड़ी राहुल ने भले ही लीग में सबसे अधिक अंक हासिल किए हों, लेकिन रेड अंकों के मामले में वह पटना पाइरेट्स के स्टार प्रदीप नरवाल से पीछे हैं। प्रदीप ने इस लीग में 747 रेड अंक अर्जित किए हैं जबकि चौधरी उनसे तीन अंक पीछे है। हालांकि, चौधरी ने लीग में कुल 791 हासिल किए हैं और प्रीदप 754 अंकों के साथ दूसरे नंबर है। राहुल ने इस पर आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'खिलाड़ी सभी अच्छे होते हैं, यह तो बस किस्मत होती है कि कभी कोई बेहतरीन प्रदर्शन करता है तो कभी कोई अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाता।
सभी खिलाड़ी अच्छे हैं तभी तो इतना स्केार बना पाते हैं। मेरी किसी भी खिलाड़ी से व्यक्तिगत तौर पर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। मुझे मेरी टीम के जीतने और अच्छा प्रदर्शन करने से मतलब है। टीम की जीत मेरे लिए महत्वपूर्ण है और मुझे व्यतिगत स्कोर से कोई मतलब नहीं है।" टाइटंस ने लीग के पांचवें सीजन में खराब प्रदर्शन किया था और इस भी टीम को प्रदर्शन औसत ही नजर आ रहा है। टाइटंस 31 अंकों के साथ जोन-बी में चौथे पायदान पर स्थित। चौधरी ने माना कि उन्हें और उनकी टीम को सुधार करने की आवश्यकता है। राहुल ने कहा, "मैं पहले सीजन से खेलता आ रहा हूं और सभी टीमें यह जानती है कि मैं कैसे रेड करता हूं। ऐसे में अंक अर्जित करना बहुत बड़ी बात है, अन्य रेडर भी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं और मेरा प्रदर्शन तो फिर भी अच्छा है।" उन्होंने कहा, "खलाड़ी जितना पुराना होता है विपक्षी टीमों को उसके बारे में उतनी ही जानकारी होती है। सभी टीमें उसके खेल को भांप लेती हैं और ऐसा तो है नहीं की मैं हर रोज नया कौशल लेकर आऊंगा।
कौशल वहीं होती है बस थोड़ा बहुत बदलाव होता रहता है। अभी मुझे और हमारी टीम को और बेहतर होना है।" राहुल को हमेशा से टीम का स्टार खिलाड़ी माना जाता रहा है और उनका मनना है कि एक वरिष्ठ खिलाड़ी के रूप उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, "मुझे टीम में लगातार खेलने का मौका मिलता है और इससे मेरा खेल भी बेहतर होता है। इससे मुझे यह भी पता चलता है कि मैं कहा गलतियां कर रहा हूं और मैं उसमें कैसे सुधार कर सकता हूं।" उन्होंने कहा, "सीनियर और जूनियर खिलाड़ी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। सीनियर खिलाड़ी को अधिक अनुभव होता है जिसे वह जूनियर खिलाड़ी के साथ साझा करता है और इससे दोनों खिलाड़ियों को लाभ होता है। ऐसे ही एक जूनियर खिलाड़ी लगातर आगे बढ़ता रहता है।" लीग में पहले सीजन से लेकर अबतक बहुत बदलाव आ चुका है और इसमें विदेशी खिलाड़ियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। राहुल ने कहा कि विदेशों में कबड्डी की बढ़ती लोकप्रियता खेल के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा, "जब से प्रो-कबड्डी लीग आई है, तब से सभी खिलाड़ी अच्छा खेल रहे हैं। जो विदेशी खिलाड़ी है वह बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वे भी बहुत ज्यादा सीख रहे हैं जो बहुत अच्छी बात है।"