केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक और संस्कृति और पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज आयुर्वेद में उद्यमिता और व्यापार विकास पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस संगोष्ठी का आयोजन नीति आयोग के सहयोग से आयुष मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में किया जा रहा है। संगोष्ठी का उद्देश्य इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमी और हितधारकों को आर्युवेद में व्यवसाय के अवसरों के प्रति प्रोत्साहन देना है। इस अवसर पर एक विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए नाइक ने कहा कि केवल संस्थान का गठन और उन्हें वित्त पोषित करना ही आयुर्वेद उद्योग को विकसित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें की हैं और इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों जैसे 'स्टार्ट अप इंडिया', 'मेक इन इंडिया', 'इन्वेस्ट इन इंडिया और 'डिजिटल इंडिया' के साथ जोड़ने के अहम प्रयास किये है। आयुष मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद के प्राचीन शास्त्रों में कम से कम 1.25 लाख नुस्खे हैं जिन्हें परंपरागत ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी में एकत्र किए गया है। इनमें से प्रत्येक नुस्खे का उपयोग 20 से 30 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह से हमारे पास 20 लाख दवाएं हैं जो उद्यमियों के लिए अविश्वसनीय और अकल्पनीय है।
डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और हमें इसे भारत में ही नही अपितु दुनिया भर में प्रचारित करना है। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि मंत्रालय ने वर्ष 2022 तक आयुर्वेद की बाजार हिस्सेदारी को तीन गुना बढ़ाने की चुनौती ली है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय देश भर के सभी राज्यों के विभिन्न शहरों को इसमें शामिल करते हुए अगले एक वर्ष में 50 उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एमएसएमई मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा हैं, ताकि आयुर्वेद बिरादरी, विशेष रूप से युवा लोगों को इसके प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फिक्की, सीआईआई, पीएचडी चैम्बर्स और एसोचैस जैसे उद्योग संगठनों के साथ घनिष्ठ सहयोग बनाये हुए हैं। आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित इस तीसरे आयुर्वेद दिवस के मुख्य समारोह में लगभग 800 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। इस संगोष्ठी से व्यापार अवसरों के प्रति हितधारकों में जागरूकता विकसित होने की उम्मीद है। संगोष्ठी के दौरान युवा उद्यमियों को इस क्षेत्र में व्यावसायिक विकास में आधुनिक प्रौद्योगिकियों और आधुनिक नवाचारों का उपयोग करने और इसे वैश्विक स्तर पर लाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। संगोष्ठी में होने वाले विचार-विमर्शों से युवा उद्यमियों को आयुर्वेद क्षेत्र में व्यावसायिक विकास की विभिन्न संभावनाओं, प्रौद्योगिकी का उपयोग और आयुर्वेद के क्षेत्र में अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने से जुड़ी सरकार की विभिन्न सुविधाओं के प्रति बेहतर जानकारी प्राप्त होने की भी उम्मीद है।