ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को राज्य के लोगों को प्राकृतिक आपदा की समय से पूर्व सूचना देने के लिए एक चेतावनी प्रसार व जन संदेश प्रणाली स्थापित की। सरकार ने चक्रवात, सुनामी व बाढ़ के बारे में पहले चेतावनी देने के लिए तटवर्ती जिलों में 122 टॉवर स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 7,000 गांवों में ग्राम आपदा प्रबंधन योजना (वीडीएमपी) बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गजपति जिले में भूस्खलन से हुए नुकसान का रोकथाम के उपायों पर कार्य करने के लिए अध्ययन किया जा सकता है। पटनायक ने ओडिशा के तट से टकराने वाले भयावह चक्रवात का जिक्र करते हुए कहा, "हम 1999 से बहुत आगे आ गए हैं।" इस चक्रवात में 10,000 के करीब लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि उसके बाद से उस दिन को ओडिशा आपदा तैयारी दिवस नाम दिया गया। उन्होंने कहा, "हमें अनुमान की स्पष्टता व नुकसान का अंदाजा लगाने के साथ कुछ आधारों पर काम करने की जरूरत है, खास तौर से दूरवर्ती इलाकों में।" उन्होंने कहा कि पहाड़ी के ऊपर के गांवों को भविष्य में होने वाले नुकसानों से बचाने के लिए वहां से अन्यत्र स्थानांतरित करने की जरूरत है। बीते हफ्ते चक्रवात तितली में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए उन्होंने भारी बारिश व तेज हवाओं के गंजाम से बालासोर तक तबाही मचाने के दौरान संपत्ति व बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगी बचाने वालों के प्रति आभार जताया।