पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने उत्तरी राज्यों के पुलिस बलों के बीच बेहतर सहयोग और तालमेल पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में विभिन्न पुलिसिंग चुनौतियां ख़ासकर नशों, आतंकवाद, संगठित अपराध और पनप रहे कट्टरवाद से निपटा जा सके। यह विचार उन्होंने आज यहाँ पंजाब पुलिस हैडक्वार्टर में आयोजित 5वीं उतर क्षेत्रीय पुलिस तालमेल समिति की मीटिंग को संबोधन करते हुए प्रकट किये। इस मीटिंग में आठ उत्तरी राज्यों /केंद्रीय शासित प्रदेशों के सीनियर पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया जिस दौरान अंदरूनी सुरक्षा, आतंकवाद का साया, अंतरराष्ट्रीय सरहद पार आंतकवाद, नशों का प्रचलन और नौजवानों में बढ़ रहे कट्टरपन को लेकर अलग -अलग मुद्दों पर गंभीर विचार किए और उन्होंने अपने सुझाव रखे। इस दौरान मैंबर राज्यों में बढ़ रहे संगठित अपराधों पर रोक लगाने के लिए अच्छा सहयोग बनाने पर आपसी जानकारी को साझा करने का फ़ैसला भी किया गया। इस अवसर पर अपने उद्घाटनी भाषण के दौरान बोलते हुए पंजाब के डी.जी.पी. श्री सुरेश अरोड़ा ने कहा कि देश को पेश चुनौतियों और कठिनाईयों से निपटने के लिए ऐसी मीटिंगों का आयोजन बहुत लाजि़मी और जायज बन गया है। इस मीटिंग में बोलते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र में आतंकवाद और अन्य अपराधों का मुकाबला करने के लिए ऐसे संयुक्त और साझे यत्नों को अपनाना समय की माँग है। उन्होंने कहा कि गैंग्स्टरों से सम्बन्धित गतिविधियों, नशा तस्करी, मैंबर राज्यों में देसी हथियारों के बढ़ रहे रुझान और अपराधियों और नशा तस्करों से सम्बन्धित जानकारी साझा करने जैसे मुद्दों को गहराई से पढऩे की ज़रूरत है और सभी मैंबर राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और चण्डीगढ़ की तरफ से शुरु की गई इस मुहिम की प्रशंसा की।
डी.जी.पी. अरोड़ा ने सज़ा भुगत रहे गैंगस्टरों और तस्करों की गतिविधियों से और भी उपयुक्त ढंग से निपटने के लिए अंतरराज्यीय क्षेत्रीय तैनाती प्रणाली के अंतर्गत जेलों में नीम फ़ौजी दलों की तैनाती की सलाह भी दी। एन.डी.आर.एफ. के रणदीप सिंह राणा की सलाह पर श्री अरोड़ा ने कहा कि पंजाब आम्र्ड पुलिस को कुदरती आफतों के दौरान सहायता और राहत प्रदान करने के लिए एन.डी.आर.एफ. से प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। राणा ने यह भी सलाह दी की सभी राज्यों में कुदरती आफतों सम्बन्धी आम लोगों के लिए जागरूकता प्रोग्राम आरंभ किए जाने चाहिएं। डीजीपी इंटेलिजेंस, दिनकर गुप्ता ने सरहदी राज्य पंजाब में सुरक्षा सम्बन्धी मुद्दों बारे तथ्य पेश किये और देश विरोधी और आतंकवादी कार्यवाहियों को रोकने के लिए अंतरराज्यीय और अंतरक्षेत्रीय तालमेल पर ज़ोर दिया और कट्टरवाद के मुकाबले के लिए साझे यत्नों के लिए कहा। उन्होंने क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर तैयार किये जाते देसी हथियारों की आमद को रोकने और अति आधुनिक हथियारों की तस्करी रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ संबंध बनाने पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने द्विपक्षीय जानकारी साझा करने के लिए सहयोगी राज्यों के बीच साझे तालमेल ग्रुप बनाकर भी संबंध कायम किया जा सकता है। पंजाब पुलिस और बीएसएफ के अच्छे आपसी तालमेल की प्रशंसा करते हुए डीजीपी कानून और व्यवस्था, श्री हरदीप सिंह ढिल्लों ने कहा कि बीएसएफ की सलाह पर सरहदी क्षेत्र में पंजाब पुलिस की तरफ से हथियारों से लैस 50 कंपनियाँ तैनात की गई हैं। सी.आर.पी.एफ. के एडीजी, श्री वी.एस.के कॉमूदी ने इशारा दिया कि अच्छे आपसी सहयोग और बढिय़ा तालमेल को और उपयुक्त बनाने के लिए पंजाब सहयोगी राज्यों को अपराधियों को अंतरराज्यीय जेलों में तबदील किया जाये और पेशी के लिए उनके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की जाये।
इस मौके पर जम्मू -कश्मीर हैडक्वार्टर के एडीजीपी श्री अब्दुल गानी मीर ने भी पुलिस और राज्य सरकार की तरफ से नशा छुड़ाओ मुहिम बारे बताया। उन्होंने नौजवानों को कट्टरवाद की तरफ प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया के योगदान की भी बात कही और ऐसे बुरे संचार को रोकने के लिए सोशल मीडिया और अपेक्षित छान-बीन के लिए भी कहा। श्री मीर ने जम्मू -कश्मीर में नशा तस्करों को जेलों में बंद करने के लिए राज्य में लागू सार्वजनिक सुरक्षा कानून सम्बन्धी अपने तजुर्बे सांझे किये और जम्मू -कश्मीर पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्र के काम-काज बारे बताते हुए कहा कि इस केंद्र की तरफ से प्रभावशाली निष्कर्ष लाए गए हैं। इस दौरान उक्त क्षेत्र में नशों के कारोबार को रोकने के लिए डीडीजी उत्तरी जोन श्री एस.के. झा ने सरहदी क्षेत्रों में नशों की स्पलाई वाले इलाकों का सुराग लगाने और तीखी नजऱ पर ज़ोर दिया गया। इस मीटिंग में अन्यों के अलावा डीजीपी एसटीएफ, मुहम्मद मुस्तफा, ओ.पी मिश्रा, डिआईजी, चण्डीगढ़, डा. अजीत कुमार सिंगला, अतिरिक्त सी.पी., दिल्ली, मनमोहन सिंह अतिरिक्त डायरैक्टर, एस.आई.बी, चण्डीगढ़, पी.के अग्रवाल, डीजीपी क्राईम, हरियाणा, अब्दुल गनी मीर एडीजीपी हैडक्वार्टर, जम्मू और कश्मीर, राजेश कुमार, डिआईजी, आईटीबीपी, पंचकुला, वीएसके कॉमूडी, एडीजी सीआरपीएफ, जयोतिर्मय चक्रवर्ती, एडीजी, एसएसबी, एसके झा, डीडीजी नॉर्थ जोन, एनसीबी रणदीप सिंह राणा, एनडीआरएफ, बरिन्दर जीत सिंह, एसएसपी एसटीएफ, उत्तराखंड, दिनेश कुमार यादव, आईजीपी क्राईम, हिमाचल प्रदेश, तरूण गबुजा, डीआईजी सीबीआई, चण्डीगढ़, आशीष चौधरी, डीआईजी, एनआइए, एचएस ढिल्लों डीआईजी, बीएसएफ ने भी अपने विचार साझा किये।