पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत नशों के खि़लाफ़ शुरु की गई मुहिम को और तेज करते हुए पंजाब पुलिस ने देश छोड़ कर भगौड़े हुए नशा तस्करों के खि़लाफ़ तीव्र मुहिम शुरु करने का फ़ैसला लिया है।यह जानकारी पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा द्वारा विशेष टास्क फोर्स (एस.टी.एफ), ख़ुफिय़ा विंग और जांच ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (बी.ओ.आई) के साथ आज इंटेलिजेंस भवन एस.ए.एस. नगर में हुई एक उच्च स्तरीय सांझी मीटिंग के उपरांत दी।इस मीटिंग में डी.जी.पी, एसटीएफ, मुहम्मद मुस्तफा, डी.जी.पी., ख़ुफिय़ा विंग, दिनकर गुप्ता के इलावा ख़ुफिय़ा विंग, एसटीएफ और बी.ओ.आई के अधिकारी शामिल थे जिसमें नशों के खि़लाफ़ चल रही मुहिम की समीक्षा की गई और राज्य में नशाखोरी को ख़त्म करने के लिए लड़ाई को और मज़बूत करने के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।राज्य भर में नशों के खि़लाफ़ जि़ला पुलिस, इंटेलिजेंस विंग और एस.टी.एफ. द्वारा चलाई मुहिम को सांझा रूप देने पर केन्द्रित इस मीटिंग के दौरान नशों के खि़लाफ़ की जा रही कार्यवाहियों और तेज़ करने संबंधी कई प्रस्ताव रखे गए। इस बात पर विचार-विमर्श किया गया कि जिन लोगों से भारी मात्रा में पहले ही नशीले पदार्थ जब्त हुए हैं, उनको अहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया जाये। मीटिंग के दौरान बताया गया कि ऐसे तस्करों की सूची तैयार की जा रही है।मीटिंग में नशा तस्करों की तरफ से ग़ैर-कानूनी ढंग के साथ बनाईं जायदादों को ज़ब्त करने के मामलों संबंधी कार्यवाही में और तेज़ी लाने के लिए कहा गया। इसके अलावा यह भी प्रस्ताव रखा गया कि साप्ताहिक आधार पर जि़ला पुलिस, इंटेलिजेंस विंग और विशेष टास्क फोर्स की अलग-अलग जिलों में सांझी मीटिंगों की जाएँ जिनमें नशों के खि़लाफ़ कार्यवाही का मूल्यांकन करने और जानकारी सांझी करने के साथ-साथ भविष्य की रणनीति बनाई जा सके।मीटिंग के दौरान इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि नशों के खि़लाफ़ बड़े स्तर पर मीडिया के ज़रिये प्रचार मुहिम चला कर लोगों को जागरूक किया जाये। इससे पंजाब सरकार द्वारा नशों के खि़लाफ़ शुरू किये ‘डैपो’ और ‘बडी’ प्रोग्रामों को भी उत्साह मिलेगा।