महिला और बाल विकास मंत्रालय ने पोषण माह के दौरान सभी स्तरों पर और मंत्रालयों/विभागों में अच्छे कार्य करने वालों की पहचान की और पोषण माह पुरस्कार समारोह आयोजित कर अनुकरणीय कार्य करने वालों को आज नई दिल्ली में सम्मानित किया। पुरस्कार समारोह में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल, महिला और बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव तथा विभिन्न मंत्रालयों के अनेक अन्य उच्च अधिकारी शामिल हुए।पोषण माह के बारे में जानकारी देते हुए श्री श्रीवास्तव ने बताया कि सितम्बर के महीने में आयोजित पोषण माह में कुल भागीदारी 25.4 करोड़ रही और देश भर में 22.58 लाख गतिविधियां आयोजित की गईं। इसमें मध्य प्रदेश शीर्ष पर रहा जहां 7.7 गतिविधियां आयोजित की गईं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान रहा। उन्होंने बताया कि 22.58 लाख गतिविधियों में से 32 प्रतिशत का आयोजन संयुक्त रूप से क्षेत्र अधिकारियों ने किया, करीब 21 प्रतिशत अंतर-मंत्रालयी गतिविधियां थीं।मुख्य भाषण में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि किसी भी ऐसे देश के लिए जिसे ज्ञान वाली अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है, यह स्वीकार्य नहीं है कि उसके 38 प्रतिशत बच्चे अल्प पोषण का शिकार हों अत: देश को कुपोषण मुक्त करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान अथवा राष्ट्रीय पोषण मिशन समाभिरूपता का उत्कृष्ट उदाहरण है। महिला और बाल विकास मंत्रालय की उपलब्धि की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पोषण की पहल को एक महीने में 25 करोड़ लोगों के बीच ले जाना सभी मंत्रालयों और साझेदारों के साथ कार्य करने के संबंध में नीति आयोग की अन्य परियोजनाओं के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।इस अवसर पर सदस्य (स्वास्थ्य और पोषण) डॉ. विनोद के. पॉल ने कहा कि पोषण अभियान का विचार प्रधानमंत्री के नेतृत्व और देश के लिए उनकी दूरदर्शिता के लिए एक भेंट है। इस अवसर पर देश भर के क्षेत्र स्तर के अधिकारियों और संस्थानों को एक पदक और प्रशस्ति पत्र सहित 206 से अधिक पुरस्कार प्रदान किए गए।