मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी भाजपानीत गठबंधन सरकार राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए तैयार है। मणिपुर राइफल्स परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाषण देते हुए उन्होंने दावा किया कि मार्च 2017 में सत्ता में आने के बाद, उनकी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कि 535 भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं जिसमें से 310 मामले को दर्ज किया गया। 33 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया, एक की सेवा समाप्त कर दी गई, 11 लोगों को नियुक्ति आदेश नहीं दिए गए और तीन अन्य को समयपूर्व सेवानिवृत्त होने के लिए बाध्य होना पड़ा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि मणिपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति ए.पी. पांडे को हटाने की मांग के मामले को ‘जल्द ही’ सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस मामले की वजह से असम से अवैध अप्रवासियों को यहां आने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं।” सिंह ने कहा कि नागा अलगाववादी समूह, नेशनल सोशलिस्ट कांसिल ऑफ नागालैंड-इसाक मुइवाह (एनएससीएन-आईएम) के साथ फ्रेमवर्क समझौते से मणिपुर के हित को कोई हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हमने 10 अगस्त या 16 अगस्त को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की योजना बनाई थी। लेकिन संकेत यह थे कि इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा। इसलिए, हमने विशेष सत्र आयोजित नहीं करने का फैसला किया।” उन्होंने कहा कि केंद्र ने घोषणा की थी कि सभी हितधारकों को अंतिम समझौते से पहले विश्वास में लिया जाएगा। राज्य में विद्रोही समूहों द्वारा हड़ताल और बॉयकट की घोषणा के बीच स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया, जहां 23 लोगों को राष्ट्रपति मेडल से नवाजा गया। हड़ताल का कई हिस्सों में व्यापक असर देखा गया।